मुंबई आंतकी हमले की 10वीं बरसी आज, ‘लोगों पर गोलियां बरसाने के दौरान हंस रह था कसाब’

आज मुबंई में हुए आंकती हमले की 10वीं बरसी है. इस हमले को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने अंजाम दिया था. तीन दिन में 166 लोगों ने अपनी जान गवाई थी. वहीं इस हमले में 300 लोग  घायल हुए थे. इस हमले में एक मात्र जिंदा पकड़े गए आंतकी अजमल कसाब को फासी दी जा चुकी है.

‘लोगों को मारने के दौरान हंस रहा था कसाब’

इस आंतकी हमले को 10 साल बीत गए है.इस हमले में 166 में से 52 लोगों की जान छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन पर गई थी. रेलवे में अनाउंसर विष्णु जेंदे आज भी जब उस रात का मंजर याद करके सिहर उठते है.विष्णु जेंदे आज भी कसाब की हंसी नहीं भूल पाते. जिंदे कहते है वो लोगों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा रहा था इस दौरान वो हंस रहा था.

छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन पर 52 लोगों की जान लेने के बाद कसाब पास के ही कामा एवं एलब्लेस अस्पताल पहुंचा. यहां पर उसके साथ एख दूसरा आंतकी भी था. इस हमल में अस्पताल में भी कई लोग मारे गए थे.  कामा अस्पताल में बतौर नर्स काम करने वाली मीनाक्षी बताती है कि उन्होंने एक्से मशीन, दवा की ट्राली लगाकर वार्ड के दरवाजे बंद कर दिए थे ताकि आंकती अंदर न घुस सके.

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इस हमले में आंतकियों ने नरीमन हाउस, ओबेरॉय होटल, ताज होटल, लियोपोल्ड कैफे को भी अपना निशाना बनाया था. आंतकियों ने ताज होटल,  नरीमन हाउस और ओबेरॉय होटल में लोगों को बंधक बना रखा था जिसे बाद में एनएसजी के कामंड़ो ने छुड़ाया था.

इस हमले का जांच में सामने आया कि इसका मास्टरमाइंड हाफिज सईज है. भारत ने इसके संबंध में कई सबूत भी पेश किए, लेकिन पाकिस्तान हर बार उन्हे नकारता आया है औऱ आज भी हाफिज सईज पाकिस्तान की सड़को पर आजाद घूम रहा है.

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