1984 दंगा: सज्जन कुमार की मुश्किलें बढ़ी, पीड़िता ने कोर्ट में पहचाना

कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की मुश्किलें एक बार फिर 1984 सिख विरोधी दंगे मामले को लेकर बढ़ गई हैं. सुनवाई के दौरान पटियाला हाउस कोर्ट में गवाह चाम कौर ने सज्जन कुमार को सुनवाई के दौरान पहचान लिया. कौर ने सज्जन कुमार का नाम लेते हुए कहा कि इसी शख्स ने वहां भीड़ को उकसाया था. चाम कौर पहले ही पटियाला हाउस कोर्ट में ये अर्जी लगा चुकी हैं कि उनको गवाही से रोकने के लिए धमकी और पैसे की पेशकश की गई है. वहीं इससे पहले सज्जन कुमार भारी सुरक्षा के बीच कोर्ट पहुंचे थे.

भीड़ को उकसाया

गवाह चाम कौर ने बताया कि 1984 में हुए सिख दंगे मामले में मैंने सज्जन कुमार की पहचान कर ली है. मैंने जज साहब को बताया कि सज्जन कुमार ने ही भीड़ को उकसाया था. इसी शख्स ने पार्क में बोला था कि हमारी मां का कत्ल सिखों ने किया है. इसलिए इन लोगों को नहीं छोड़ना है. इसी शख्स के उकसाने पर भीड़ ने मेरे घर को आग लगा दी और मेरे पिता और बेटे का कत्ल कर दिया.

क्या हुआ था 1984 दंगे में

भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 को उन्हीं के अंगरक्षकों ने हत्या कर दी, जिसके बाद देशभर में सिख विरोधी दंगे भड़क गए. दरअसल, इंदिरा गांधी ने 5 जून 1984 को ऑपरेशन ब्लू स्टार शुरू करवाया और ये सब किया गया पंजाब में सिख आतंकवाद को दबाने के लिए, जिसके चलते प्रमुख आतंकवादी भिंडरावाला सहित कई मौतें हुई और इस कार्रवाई में स्वर्ण मंदिर के कुछ हिस्सों को भी नुकसान पहुंचा. वहीं इसके बाद भिंडारवाले की मौत का बदला लेने के लिए ही इंदिरा गांधी की उन्हीं के सुरक्षा गार्डो ने हत्या कर दी. इस दंगे में लगभग 3 हजार से ज्यादा सिखों को निशाना बनाया गया. देशभर में सिखों पर अत्याचार हुए. उनके घरों, दुकानों आदि को जला दिया गया. इसका सबसे ज्यादा असर राजधानी दिल्ली में हुआ. दुकानों, गुरुद्वारों, घरों को पहले लूटा गया और उसके बाद उनमे आग लगा दी. वहीं जब इंदिरा गांधी के मरने के बाद उनके बेटे राजीव गांधी से हिंसा पर जवाब मांगा गया तो उन्होंने कहा कि जब कोई मजबूत पेड़ गिरता है, तब आसपास की धरती हिलती ही है.

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