सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जानिए आधार कहां जरूरी, कहां नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने आधार पर चल रहे कन्फ्यूजन को खत्म कर दिया है. सर्वोच्च अदालत ने आधार को कुछ शर्तों के साथ संवैधानिक रूप से वैध तो माना है

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सुप्रीम कोर्ट ने आधार पर चल रहे कन्फ्यूजन को खत्म कर दिया है. सर्वोच्च अदालत ने आधार को कुछ शर्तों के साथ संवैधानिक रूप से वैध तो माना है. आपको बताते हैं कि कोर्ट के फैसले के बाद आधार अब कहां जरूरी होगा और कहां नहीं.

कहां पर आधार जरूरी नहीं

स्कूल में दाखिले के लिए आधार जरूरी नहीं
CBSE, NEET और UGC की परीक्षाओं के लिए जरूरी नहीं.
सर्वशिक्षा अभियान के लिए जरूरी नहीं है.
बैंक में खाता खोलने के लिए आधार जरूरी नहीं है.
नया मोबाइल नंबर लेने के लिए आधार जरूरी नहीं है.
मोबाइल वॉलेट के लिए भी एप को आधार से लिंक करना जरूरी नहीं.
14 साल से कम के बच्चों के पास आधार ना होने पर उन्हें जरूरी सरकारी सेवाओं से वंचित नही किया जा सकता.

कहां आधार देना जरूरी

पैन को आधार से लिंक करना जरूरी है
आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए आधार जरूरी
सरकारी योजना और सब्सिडी का फायदा पाने के लिए जरूरी.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा?

आधार आम लोगों के हित के लिए काम करता है और इससे समाज में हाशिये पर बैठे लोगों को फायदा होगा.
आधार पर हमला संविधान के खिलाफ है. इसके डुप्लिकेट होने का कोई खतरा नहीं. आधार एकदम सुरक्षित है.
आधार एक हद तक निजता में दखल है लेकिन ज़रूरत को देखना होगा.
गरिमा के साथ जीवन मौलिक अधिकार है, आधार से वंचित तबके को गरिमा मिल रही है.
99.76% लोग आधार से जुड़े, अब उन्हें सुविधा से वंचित नहीं किया जा सकता.
आधार ऐक्ट की धारा 57 रद्द करते हुए कहा कि प्राइवेट कंपनियां आधार की मांग नहीं कर सकतीं.
लोकसभा में आधार बिल को वित्त विधेयक के तौर पर पास करने को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया.
क्या किसी की निजी जानकारी जारी होना राष्ट्रहित में है? ये उच्च स्तर पर तय हो.
जानकारी जारी करने का फैसला लेने में हाई कोर्ट जज की भी भूमिका हो.

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