राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के नतीजों के बाद पता चलेगा किस राह चलेगा “हाथी”

नई दिल्ली: 11 दिसंबर को राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभाओं के चुनाव नतीजे आने हैं. बीएसपी ने राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में अपने उम्मीदवार उतारे हैं. ऐसे में पार्टी सुप्रीमो मायावती की नजर इन चुनाव नतीजों पर है. ये नतीजे ही तय करेंगे कि लोकसभा चुनावों की राह में “हाथी” अकेला ही चलता है, या अपनी पीठ पर किसी और पार्टी को सवारी करने देता है.

विपक्ष की बैठक से किया किनारा

मायावती इन चुनावों के नतीजों का इंतजार कर रही हैं, ये इसी से पता चलता है कि 10 दिसंबर को विपक्षी दलों की होने जा रही बैठक में बीएसपी से कोई नहीं शामिल होगा. चर्चा इस बात की है कि मायावती के दाएं हाथ और पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र से कांग्रेस के नेताओं ने संपर्क साधा था और विपक्ष की बैठक में शामिल होने का न्योता दिया, लेकिन सतीश चंद्र मिश्र ने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया. बता दें कि मायावती इन विधानसभा चुनावों से पहले ही कांग्रेस पर उनकी पार्टी को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगा चुकी हैं.

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कुमारस्वामी के शपथग्रहण में दिखीं थीं सोनिया के साथ

कांग्रेस पर बीएसपी को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाने से करीब एक महीना पहले ही मायावती ने बेंगलुरु में सोनिया गांधी और राहुल के साथ हंस-हंसकर फोटो खिंचवाई थी. सोनिया के सिर से मायावती का सिर जोड़कर मुस्कुराने वाला फोटो काफी चर्चा में रहा था और तब लग रहा था कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीएसपी और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं. ये उम्मीदें जब कांग्रेस के नेताओं के दिल में हिलोरें ले रही थीं कि मायावती गंभीर हो गईं और कांग्रेस को ठेंगा दिखा दिया.

यूपी में ऐसा ही रहेगा माया का रुख !

मायावती ने कांग्रेस पर संगीन आरोप लगाया है, ऐसे में ये उम्मीद कम ही है कि लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के महागठबंधन में वो शामिल होंगी, लेकिन राजनीति संभावनाओं का मैदान कहा जाता है. ऐसे में 11 दिसंबर के बाद ही पता चलेगा कि मायावती अपने “हाथी” की सूंड “हाथ” को थमाती हैं या नहीं. सवाल ये भी है कि अगर वो महागठबंधन में आईं, तो यूपी और अन्य राज्यों में कितनी सीटों पर दावा करेंगी.

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