सुबोध की बहन का संगीन आरोप, अखलाक केस के कारण भाई को मरवाया पुलिस ने

शहीद पुलिसकर्मी सुबोध सिंह की बहन ने कहा कि मेरा भाई अखलाक मामले की जांच कर रहा था और यही कारण है कि वो मारे गए. पुलिस ने मिलकर मेरे भाई को साजिश करके मरवाया है. उन्होंने ये भी कहा कि उनके भाई को शहीद घोषित किया जाना चाहिए और उनका स्मारक बनाया जाना चाहिए. हम पैसे नहीं चाहते हैं. मुख्यमंत्री केवल गाय-गाय-गाय कहते रहते हैं, उन्होंने सीएम योगी से मांग की है कि वो उनके परिवार से आकर मिलें.

बहन के सवाल, कौन देगा जवाब

वहीं शहीद सुबोध की बहन ने सवाल उठाते हुए कहा कि मेरे भाई को अकेला क्यों छोड़ा गया? मेरे भाई के साथ मौजूद दरोगा और ड्राइवर मेरे भाई को छोड़कर कहां चले गए थे? साथ ही उन्होंन कहा कि हम लोग बहादुर हैं. हमारे पिता भी ऐसे ही ड्यूटी के दौरान ही गोली लगने से शहीद हुए थे.

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सुबोध कुमार ऐसे हुए शहीद

रिपोर्ट के मुताबिक, थाना कोतवाली क्षेत्र के गांव महाव के जंगल में रविवार की रात कुछ अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर लगभग 25 से 30 गोवंश काट डाले थे, जिसके बाद ये बात पता चलते ही लोगों में आक्रोश फैल गया. वहीं गुस्साए लोगों ने घटनास्थल से कथित तौर पर काटे गए गोवंश के अवशेषों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरा और सोमवार सुबह चिंगरावठी पुलिस चौकी पहुंचे. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, गुस्साई भीड़ ने बुलंदशहर-गढ़ स्टेट हाईवे पर ट्रैक्टर ट्रॉली लगाकर रास्ता जाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी. वहीं सूचना मिलते ही एसडीएम अविनाश कुमार मौर्य और सीओ एसपी शर्मा पहुंचे, लेकिन गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर ही पथराव करना शुरू कर दिया. इसके बाद पुलिस के कई वाहन फूंक दिए गए और चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी, जिसमें एसएचओ सुबोध कुमार और एक राहगीर की मौत हो गई.

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