उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री ने एनडी तिवारी सरकार गिराने की रची थी साजिश

देहरादून: भाजपा नेता एवं कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी को श्रद्धांजलि देते समय सनसनीखेज खुलासा किया. मंत्री रावत ने कहा कि जैनी प्रकरण के बाद वो इतने नाराज हो गए थे कि उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर 2003 में तिवारी सरकार गिराने की कोशिश की थी. सरकार गिराने को लेकर उनकी 28 विधायकों से बात हो चुकी थी. वहीं जब बाद में पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने इस मामले में हस्तक्षेप किया तो उन्होंने इरादा टाल दिया.

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वहीं दूसरी तरफ हरक सिंह रावत के इस खुलासे के बाद सियासी गलियारों में चर्चाए शुरू हो गई है. डॉ. रावत ने कहा कि 2002 में जब कांग्रेस सत्ता में आई तो तब उन्होंने कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी के साथ नारायण दत्त तिवारी से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने उनसे आग्रह किया कि उत्तराखंड को उनकी जरूरत है, जिसके बाद तिवारी ने यहां की कमान संभालने को हामी भरी.

जिसके बाद उन्होंने ऋषिकेश-कर्णप्रयग रेल परियोजना समेत राज्य में विभिन्न कार्यो का श्रेय भी तिवारी को दिया. वहीं बहुचर्चित जैनी मामले का जिक्र करते हुए अपने संबोधन में डॉ. रावत ने कहा कि तत्कालीन सीएम तिवारी से पहले ही कह दिया था कि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है. वहीं बाद में हुी सीबीआई जांच में ये साबित भी हो गया था.

हरीश रावत सरकार गिराने में थी बड़ी भूमिका

आपको बता दें, हरीश रावत सरकार को मझधार में फंसाने में रावत का हाथ माना जाता रहा है। रावत के साथ ही कई विधायक गुरुग्राम के एक होटल में कई दिनों तक छिपे रहे थे. बाद में सभी ने सरकार के खिलाफ वोट किया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हरीश रावत की सरकार बच गई थी।

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