दिल्ली वालों के लिए अच्छी खबर, पेट्रोल 80 तो डीजल 74 रुपये से हुआ कम

Good news for Delhiites, petrol 80 and diesel less than Rs 74

नई दिल्ली: पेट्रोल के दाम में सोमवार को लगातार 12वें दिन कटौती जारी रही. डीजल का भाव भी लगातार पांचवें दिन घटा. तेल के दाम में लगातार कटौती होने से सोमवार को तीन सप्ताह बाद पहली बार पेट्रोल का भाव 80 रुपये प्रति लीटर से नीचे आया है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डीजल का दाम भी 74 रुपये से नीचे आ गया है. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल सोमवार को क्रमश: 79.75 रुपये, 81.63 रुपये, 85.24 रुपये और 82.86 रुपये प्रति लीटर हो गया.

ये भी पढ़ेः अयोध्या विवाद: राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज से अहम सुनवाई

देश के चारों प्रमुख महानगरों में डीजल की कीमतें क्रमश: 73.85 रुपये, 75.70 रुपये, 77.40 रुपये और 78.08 रुपये प्रति लीटर थीं. दिल्ली और मुंबई में एक दिन पहले के मुकाबले पेट्रोल 30 पैसे सस्ता हो गया है. वहीं कोलकाता में पेट्रोल का भाव 29 पैसे और चेन्नई में 32 पैसे कम हुआ है. डीजल दिल्ली और कोलकाता में 20 पैसे लीटर सस्ता हुआ तो मुंबई और चेन्नई में 21 पैसे प्रति लीटर.

दिल्ली में छह सितंबर को पेट्रोल का भाव 79.31 रुपये लीटर था. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान पिछले सत्र के मुकाबले तकरीबन सपाट था. ब्रेंट क्रूड को जनवरी सौदा आईसीई पर 0.04 फीसदी की नरमी के साथ 77.63 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था, जबकि डल्यूटीआई के दिसंबर अनुबंध में 0.07 फीसदी की बढ़त के साथ 67.64 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था.

ये भी पढ़े: बस समझौता: यूपी-उत्तराखंड के बीच अब सफर होगा आसान, आज होगा बड़ा बदलाव

कच्चे तेल के दाम में तीन सप्ताह से अधिक समय से नरमी का रुख बना हुआ है. कच्चे तेल में नरमी के कारण ही पेट्रोल और डीजल के दाम में कमी आई क्योंकि भारत अपनी तेल की जरूरतों का करीब 80 फीसदी आयात करता है. तेल का आयात सस्ता होने से देश में जहां पेट्रोल और डीजल समेत अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें घटती हैं, वहीं तेल आयात के लिए डॉलर की जरूरत कम होने से देसी मुद्रा रुपये की गिरावट को थामने में मदद मिलती है.

Previous articleयूपी-उत्तराखंड के बीच अब सफर होगा आसान, आज होगा बड़ा बदलाव
Next articleबाबर की मस्जिद ने खूब कराई सियासत, 490 साल बाद भी नहीं हो सका है फैसला