हज यात्रा हुई महंगी, जायरीनों को देना होगा 18 प्रतिशत जीएसटी

हज यात्रा इस बार और महंगी होगी. हज कमेटी ऑफ इंडिया ने हज की गाइड लाइन जारी कर दी है, जिसमें हजयात्रियों को अब हवाई यात्रा पर 18 प्रतिशत जीएसटी देना होगा. मालूम हो कि, पिछली बार जीएसटी पांच प्रतिशत ही देना पड़ा था. जीएसटी के अलावा इस बार यूडीएफ और पीएसएफ (सऊदी टैक्स) भी देना होगा.

हज की गाइड लाइन के मुताबिक हज यात्रा की रकम तीन भागों में जमा होगी, जबकि पिछली हज यात्राओं में दो किस्त में ही रकम जमा होती रही है.

ये भी पढ़ें: आपको “अली” मुबारक , मेरे लिए “बजरंगबली” पर्याप्त – योगी

बरेली हज सेवा समिति के संस्थापक पम्मी खान वारसी ने बताया कि 2019 में हज के लिए पहली किस्त 81 हजार रुपये और दूसरी 1.20 लाख रुपये मार्च के आखिर में जमा होगी. वहीं तीसरी किस्त बैंक और सऊदी रियाल के फाइनल होने के बाद तय की जाएगी, जो भारतीय करेंसी के मुताबिक अजीजिया और एमसीएनवीजेड कैटेगिरी के फर्क के अनुसार अदा करनी होगी.

हज यात्रा पर जीएसटी का विरोध

हजयात्रा पर जीएसटी के विरोध में बरेली हज सेवा समिति की सिविल लाइंस स्थित कार्यालय पर बैठक हुई. इसमें समिति के प्रभारी मोहसिन इरशाद ने भारत सरकार से हज यात्रा से जीएसटी हटाने की मांग की. उन्होंने कहा कि हज धार्मिक यात्रा है, सरकार को इस पर लगे जीएसटी पूर्ण रूप से हटा देना चाहिए.मुसलमान सऊदी अरब अपने हज के फर्ज को अदा करने जाते हैं न कि कारोबार करने, इसलिए हज यात्रा को जीएसटी से मुक्त रखा जाए.

ये भी पढ़ें: दलित थे बजरंगबली, राम भक्त दें बीजेपी को वोट: योगी

वहीं, हज ट्रेनर हाजी यासीन कुरैशी ने कहा कि हज यात्रा पर जीएसटी और सऊदी टैक्स यूडीएफ एवं पीएसएफ खत्म होना चाहिए. बैठक में हाजी साकिब रजा खां, हाजी अब्दुल लतीफ कुरैशी, हाजी ताहिर, निहाल खान, अहमद उल्लाह वारसी, शाहिद रजा आदि मौजूद रहे.

Previous articleगूगल ने डूडल बनाकर मशहूर चित्रकार मुरिलो को किया याद
Next articleप्रियंका से 14 साल छोटी हैं उनकी जेठानी सोफी टर्नर