दिल्ली पहुंचकर खत्म हुई किसान क्रांति पदयात्रा, जीत के दावे के साथ घर लौटे प्रदर्शनकारी

नई दिल्ली: हजारों किसानों ने राजधानी दिल्ली स्थित किसान घाट पहुंचने के बाद अपनी किसान क्रांति यात्रा खत्म कर दी. बुधवार तड़के किसान नेता नरेश टिकैत ने इसका ऐलान किया. मार्च खत्म होने के बाद किसान अपने-अपने गांवों की ओर लौट गए हैं. प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस बल के बीच लंबे समय तक चले गतिरोध के बाद बुधवार तड़के उन्हें दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दे दी गई. दिल्ली में एंट्री के बाद ये सभी सीधे किसान घाट पहुंचे और वहां जाकर हड़ताल खत्म कर दी. भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख नरेश टिकैत की अगुवाई में 400 ट्रैक्टरों में सवार हजारों आंदोलनकारी किसान घाट पहुंचे थे.

किसानों की जीत: नरेश टिकैत

नरेश टिकैत ने इसे किसानों की जीत बताया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी के इरादे नाकाम हो गए हैं.  किसान घाट पर टिकैत ने बताया कि, “किसान सभी कठिनाइयों के बावजूद अडिग रहे. हम 12 दिनों से मार्च कर रहे थे. किसान थके भी हुए हैं. हम अपने अधिकारों की मांग जारी रखेंगे लेकिन फिलहाल के लिए हम मार्च को समाप्त कर रहे हैं.”

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हिंसक हो गया था किसान आंदोलन

मंगलवार सुबह करीब सवा 11 बजे किसानों का आंदोलन तब हिंसक हो गया था जब उन्होंने पुलिस बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में घुसने की कोशिश की. पुलिस के मुताबिक किसानों ने पत्थरबाजी की, जिसके जवाब में आंसू गैस के गोले दागे गए, पानी की बौछारें छोड़ीं गईं और लाठियां भी चलाईं गई. आंदोलनकारियो को काबू में करने के लिए पुलिस ने रबड़ की गोलियां भी दागीं. करीब आधे घंटे तक अफरा-तफरी जैसे हालात में 100 से ज्यादा किसानों को चोंटें आईं थीं. दिल्ली पुलिस के एक ACP समेत 7 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे.

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क्या हैं किसानों की मांगें ?

– किसान 60 साल की उम्र के बाद पेंशन देने की मांग कर रहे हैं. 
– पीएम फसल बीमा योजना में बदलाव हो.
– गन्ना की कीमतों का जल्द भुगतान किया जाए.
– किसानों की पूर्ण कर्जमाफी हो.
– सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली दी जाए.
– किसान क्रेडिट कार्ड पर ब्याज मुक्त लोन मिले.
– आवारा पशुओं से फसल के बचाव के इंतजाम हों
– सभी फसलों की पूरी तरह खरीद की जाए.
– स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट को लागू करने की भी मांग है. 
– गन्ने की कीमतों के भुगतान में देरी पर ब्याज दिया जाए.

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