माया के मैदान में राजभर को परास्त और शिवपाल को चुनौती दे गए रघुराज प्रताप सिंह

लखनऊः शुक्रवार को रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया ने ताकत दिखाते हुए नई पार्टी का ऐलान किया। कभी कुंडा प्रतापगढ़ के आसपास तक सीमित रहने वाले राजा भइया ने राजधानी के करीब दहाड़ लगाई और पूरे प्रदेश में राजनैतिक विकल्प देने का ऐलान किया।

ये शायद पहली बार है जब राजा भइया ने अपने लिए लखनऊ में राजनैतिक रैली की। वो भी उस मैदान में जिसको उनकी कट्टर दुश्मन मायावती ने तैयार कराया था।

पुराने साथियों को दी चुनौती

रमाबाई मैदान से राजनीतिक दंगल में उतरे राजा भइया ने नई राह तो चुन ली है। साथ ही ठाकुर और सवर्ण राजनीति के एजेंडे की नई नींव भी डाल दी। राजा भइया की रैली कई मायनों में खास है, क्योंकि वो यहां से अपने उन पूर्व साथियों के लिए चुनौती देंगे, जिनके साथ कभी उनका याराना रहा है।

ये भी पढ़ें: खत्म हुआ ‘चाचा ‘ का लिहाज, अखिलेश समर्थकों ने शिवपाल को बताया -भाजपा का एजेंट और कमीशनखोर

शिवपाल का बढ़ा सिरदर्द

राजा ने अपने भाषण में शिवपाल की नई नवेली प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के गठन की बधाई दी साथ ही बिना कुछ कहे शिवपाल के लिए चुनौती भी दे दी। क्योंकि आने वाली 9 तारीख को शिवपाल अपनी पार्टी की इसी मैदान में रैली करने वाले हैं। जिसमें पुराने समाजवादी और प्रगतिशील समाजवादियों का जमावड़ा लगेगा।

ये भी पढ़ेः शिवपाल की गुगली से दोराहे पर मुलायम, पुत्र और भाई में से किसके साथ नेताजी ?

राजभर को दी राजा भइया ने मात

राजा भइया की रैली के बाद शिवपाल के सामने एक चुनौती खड़ी हो गई है। जिससे उनको हर हाल में पार पाना होगा। वो ये कि राजा भइया की रैली में जिस तादात में भीड़ जुटी थी। उससे ज्यादा भीड़ जुटाना शिवपाल के लिए नये सिरदर्द से कम नहीं है। क्योंकि राजा ने अब से कुछ दिन पूर्व हुई बीजेपी के सहयोगी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता राजभर से करीब दो गुना भीड़ जुटाने में कामयाब रहे।

ये भी पढ़ेः ‘देवबंद का नाम बदलकर देववृंद कर देना चाहिए, यहां से हाफिज और बगदादी निकलते हैं’

शिवपाल पर बढ़ा मनोवैज्ञानिक दबाव

वहीं अब शिवपाल के पास राजा भइया से ज्यादा भीड़ जुटाने के अलावा कोई चारा नहीं है। क्योंकि राजा से कम भीड़ का मतलब है, शिवपाल की मनोवैज्ञानिक हार, जो न सिर्फ लखनऊ के राजनीति घरानों में चर्चा का विषय बनेगा, बल्कि उनका मनोबल और दूसरी राजनीतिक पार्टियों की नजर में उनका कद भी छोटा करेगा। ऐसे में शिवपाल को के पास दोहरी मेहनत करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है।

 

Previous articleयोगी सरकार का फरमान, इस शहर में लगाई शादियों पर रोक
Next articleघरेलू गैस सिलेंडर पर बड़ी राहत, यहां जानें कितनी कम हुई कीमतें-कब से लागू