मराठा के बाद अब मुसलमानों को भी चाहिए आरक्षण !

महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को आरक्षण मिलने के बाद अब राज्य में मुस्लिमों को आरक्षण देने की मांग उठने लगी है. इसके लिए एआईएमआईएम ने मुबंई हाई कोर्ट का दरवाज खटखटाया है. और राज्य में मुस्लिम आरक्षण की मांग की है.

मराठा समुदाय ने राज्य में आरक्षण की मांग को लेकर एक लंबी लडाई लड़ी. मराठा समुदाय ने कई बार सड़को पर उतरकर आंदोलन किए. जिसका उन्हों फायदा भी मिला. महाराष्ट्र सरकार ने ‘सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा’ श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को राज्य में 16 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव विधानसभा से पारित कर दिया. इसके बाद राज्य में मुस्लमानों के लिए भी आरक्षण की मांग  की गई.

एआईएमआईएम के नेता इम्तियाज अली ने कहा कि वो कोर्ट जाएंगे. लेकिन वो मराठा आरक्षण को चुनौती नहीं देंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि वो नए तथ्यों के कोर्ट जाएंगे और मुस्लमानों के आरक्षण की मांग करेंगे.

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने भी मुस्लिमों को आरक्षण देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने नौकरियों में आरक्षण देने से रोक है. शिक्षा में नही. मुस्लिमों के गरीब तबके को ऊपर उठाने के लिए यह जरूर है कि उन्हें भी मौके दिए जाए

इससे पहले एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिमों के लिए आरक्षण की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि, मुस्लिम भी आरक्षण के हकदार हैं क्योंकि वह पीढ़ियों से गरीबी में रहे हैं.

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