न्यूयॉर्क: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार, 28 सितंबर 2024 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की 79वीं बैठक में विश्व समुदाय को गंभीर चेतावनी दी। उन्होंने यूक्रेन और गाजा में चल रहे संघर्षों का जिक्र करते हुए कहा कि आज की दुनिया बेहद हताश और विभाजित हो चुकी है। उन्होंने सभी देशों से तत्काल उपाय खोजने का आग्रह किया ताकि वैश्विक स्तर पर हिंसा को रोका जा सके।
वैश्विक संघर्षों का संदर्भ
जयशंकर ने अपने भाषण में बताया कि वर्तमान समय बेहद चुनौतीपूर्ण है। कोविड-19 महामारी से अभी तक पूरी तरह उबरना संभव नहीं हो पाया है, और इस बीच यूक्रेन में युद्ध अपने तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने गाजा में चल रहे संघर्ष को भी गंभीर बताते हुए कहा कि यह वैश्विक व्यवस्थाओं पर गहरा असर डाल रहा है।
“आज की दुनिया नाजुक और हताश है। देश एक-दूसरे के साथ संवाद करने में असमर्थ हो रहे हैं, और भरोसा टूटता जा रहा है,” जयशंकर ने कहा। उन्होंने बताया कि देशों ने अंतरराष्ट्रीय प्रणाली से जो लिया है, वह उसकी तुलना में कहीं अधिक है जो उन्होंने दिया है। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि वैश्विक प्रक्रियाएं कैसे समाप्त हो रही हैं।
संवाद की कमी
जयशंकर ने यह भी कहा कि वर्तमान स्थिति में आपसी संवाद करना कठिन हो गया है और मुद्दों पर सहमति बनाना और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि जब देश एक-दूसरे की आर्थिकी पर कब्जा करने में कोई संयम नहीं बरतते, तो इससे सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचता है।
सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता
बैठक में उन्होंने सुरक्षा परिषद में सुधार की बात दोहराई। जयशंकर ने कहा कि भारत लंबे समय से इस सुधार की मांग कर रहा है, जिसमें स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों के सदस्यों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि विकसित देशों द्वारा जलवायु संबंधी जिम्मेदारियों से बचने के कारण विकासशील देशों की विकास संभावनाएं कमजोर हो रही हैं।