नई दिल्ली: पुलवामा हमले के दोषी मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर एक बार फिर चीन ने अड़ंगा डाला है। ऐसा चौथी बार है जब चीन ने अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल करके मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित होने से बचाया है। चीन के इस कदम के बाद भारत मे इसको लेकर सियासत तेज हो गई है और कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने मोदी सरकार की वैश्विक नीति पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा था जिसपर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने पलटवार किया है।
अरुण जेटली ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन को सीट देने का समर्थन किया था। इसके असली गुनहगार वही हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर और चीन दोनों पर असली गलती, एक ही व्यक्ति द्वारा की गई थी। जेटली ने जवाहरलाल नेहरू के मुख्यमंत्रियों को 2 अगस्त, 1955 को लिखे पत्र का हवाला देते हुए उक्त बातें कहीं।
जेटली ने पत्र के अंशों का जिक्र किया जिसमें कहा गया था कि अमेरिका चीन को संयुक्त राष्ट्र में लेने के लिए तैयार था। लेकिन वह सुरक्षा परिषद में भारत को जगह देना चाहता था, पर जवाहरलाल नेहरु ने भारत को सुरक्षा परिषद में सीट लेने के प्रस्ताव को यह कहकर ठुकरा दिया कि चीन एक महान देश है और ऐसे में उसकी जगह लेना एक प्रकार से बेइमानी होगी।
दरअसल, चीन ने जैश के आतंकी सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित किए जाने की राह में रोड़ा अटकाया तो काग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा था। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से डरे हुए हैं। राहुल ने कहा कि पीएम मोदी कमजोर प्रधानमंत्री हैं और वह जिनपिंग के सामने झुक गए। बता दें कि मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर फैसले से कुछ मिनट पहले चीन ने वीटो का इस्तेमाल करते हुए प्रस्ताव पर रोक लगा दी।