जानिए क्या होगी रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी की भारत में कीमत? इस दिन से मिलनी होगी शुरू

नई दिल्ली। देश में जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच अब जल्द ही रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी लोगों को मिलनी शुरू हो जाएगी. राजधानी दिल्ली का इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल रविवार को स्पूतनिक वी को प्रशासित करने वाला शहर का पहला अस्पताल बन गया. अब तक डॉ. रेड्डी लोबोरेटरीज के कर्मचारियों को ही ये वैक्सीन लगाई जा रही थी. लेकिन रविवार को अपोलो अस्पताल के 170 सदस्यों को वैक्सीन लगाई गई.

अपोलो अस्पताल ने कहा कि इस वैक्सीन को 20 जून से आम जनता के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. रेड्डी लोबोरेटरीज अपोलो हॉस्पिटल्स चेन की भी मालिक है. वर्तमान में वैक्सीन की 500 खुराक अस्पताल में आ चुकी हैं और जल्द ही और भी आने की उम्मीद है.

केंद्र सरकार के नवीनतम मूल्य निर्धारण नियमों के मुताबिक, स्पूतनिक वी वैक्सीन की कीमत 1145 रुपए होगी, जिसमें अस्पताल के शुल्क और कर शामिल होंगे. इससे पहले अपोलो अस्पताल में वैक्सीन की एक डोज की कीमत 1250 रुपए थी. हालांकि कंपनी ने कहा कि बाद में खुराक की लागत कम की जाएगी.

इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के अलावा इस हफ्ते के अंत तक मधुकर रैनबो चिलड्रेन हॉस्पिटल में भी लोगों के लिए स्पूतनिक वी वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी. स्पूतनिक वी वैक्सीन लगवाने के लिए पहले कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा और फिर टीके का स्लॉट बुक करना होगा.

स्पूतनिक वी को देश में आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है और 17 मई से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर रूसी वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. भारत में डॉ. रेड्डीज लैबोरेट्रीज स्पूतनिक वी वैक्सीन का निर्माण कर रही है. इस वैक्सीन को कंपनी के हैदराबाद और विशाखापटनम स्थित प्लांट में तैयार किया जा रहा है. देश में ये वैक्सीन सबसे पहले डॉ. रेड्डी लोबोरेटरीज के कस्टम फार्मा सर्विस के ग्लोबल हेड दीपक सप्रा को लगी थी.

ये वैक्सीन सबसे पहले इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित किया गया था. 11 अगस्त को इसे रूस में मंजूरी मिली थी. ये वैक्सीन फिलहाल दुनिया के  67 देशों में दी जा रही है. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से इसे अभी तक आपातकालीन टीके के रूप में मंजूरी नहीं मिली है. रिपोर्ट के मुताबिक, स्पुतनिक वी की 90 फीसदी से ज्यादा प्रभावी है.

भारत में डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज ने फरवरी में वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए आवेदन किया था. जिसके बाद इसे अप्रैल में भारत के दवा नियामक से मंजूरी मिली थी. इस वैक्सीन को देश में पांच फार्मा फर्मों के द्वारा निर्मित किया जाएगा, जो सालाना 850 मिलियन से ज्यादा खुराकों का उत्पादन करती हैं.

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles