दिल्ली के बस मार्शलों को नियमित करने की मांग, विजेंद्र गुप्ता ने लिखा सीएम आतिशी को पत्र

दिल्ली में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री आतिशी को एक पत्र लिखकर बस मार्शलों को नियमित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इनकी नियमितीकरण प्रक्रिया तुरंत शुरू की जानी चाहिए। गुप्ता ने 3 सदस्यीय कमेटी का गठन करने की भी मांग की, जिसमें परिवहन, प्रशासनिक सुधार और वित्त विभाग के उच्चाधिकारी शामिल हों। उनका कहना है कि इस कमेटी को नियमितीकरण की विधिवत रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए, ताकि उस आधार पर कार्रवाई की जा सके।

सदन में उठी मांग

गुप्ता ने बताया कि उन्होंने 27 सितंबर को विधानसभा में बस मार्शलों को नियमित करने का प्रस्ताव उठाया था, जो पारित भी हुआ। इसके बाद 5 अक्टूबर को भाजपा विधायक दल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और इस मुद्दे पर चर्चा की। उस बैठक में उपराज्यपाल के साथ भी बातचीत हुई थी, जिसमें गुप्ता और मुख्यमंत्री आतिशी दोनों शामिल थे।

तीन सदस्यीय कमेटी का गठन जरूरी

गुप्ता ने कहा कि बैठक में यह तय हुआ था कि बस मार्शलों के नियमितीकरण के लिए फाइनेंस, एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स और ट्रांसपोर्ट विभाग के तीन उच्च अधिकारियों की एक कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी मार्शलों की नियमितीकरण के लिए रोडमैप तैयार करेगी। गुप्ता ने जोर दिया कि मुख्यमंत्री को जल्द से जल्द इस कमेटी का गठन करना चाहिए।

उपराज्यपाल का ध्यानाकर्षण

गुप्ता ने बताया कि उन्होंने 10 अक्टूबर को फिर से आतिशी को पत्र लिखकर कमेटी के गठन की याद दिलाई थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। हाल ही में, 24 अक्टूबर को उपराज्यपाल ने भी सीएम को पत्र लिखकर इस मामले में ध्यान दिलाया। गुप्ता ने चेतावनी दी कि अगर मुख्यमंत्री ने तुरंत कार्रवाई नहीं की, तो भाजपा इस मुद्दे पर आंदोलन करेगी।

मार्शलों की बहाली पर उठी आवाज

विजेंद्र गुप्ता ने फेसबुक पर लिखा कि बस मार्शलों की बहाली की मांग उठाई गई थी, जिन्हें आम आदमी पार्टी की सरकार ने अचानक हटा दिया था। उपराज्यपाल के आदेश का स्वागत करते हुए गुप्ता ने कहा कि अगले 4 महीनों के लिए बस मार्शलों की पुनः तैनाती सुनिश्चित की जाए, ताकि उनका रोजगार सुरक्षित हो सके। उन्होंने केजरीवाल सरकार की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि एक झटके में 10,792 मार्शलों को हटा देना बहुत ही हैरान करने वाला था।

भ्रष्टाचार का आरोप

गुप्ता ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने बिना किसी उचित कारण के इन मार्शलों को हटाया। उनका कहना है कि यह निर्णय न केवल अन्यायपूर्ण था, बल्कि इसमें भ्रष्टाचार भी शामिल है। उन्होंने फिर से मांग की कि बस मार्शलों को नियमित किया जाए और उनकी सेवा को बहाल किया जाए।

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