शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन से उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के स्वप्न को साकार करने हेतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद बलरामपुर से ‘मिशन शक्ति’ का आरम्भ किया। प्रदेश के 1,535 थानों में महिलाओं की सहायता हेतु महिला हेल्प डेस्क की डिजिटल शुरुआत मुख्यमंत्री ने की। इस तरह महिलाओं की सुरक्षा के प्रति कृतसंकल्पित योगी का ‘मिशन शक्ति’ पुलिस विभाग में पीड़ित महिलाओं की सुरक्षा के प्रति एक नई और सुदृढ़ प्रथा का आरम्भ है। पीड़ितों के साथ प्रथम सम्पर्क पुलिस का होता है और आमजन की लोकतंत्र द्वारा नियमित व्यवस्था में आस्था का आधार बन सकती है पुलिस। इस विचार को ध्यान में रखते हुए और कोविड हेल्प डेस्क के माध्यम से कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को नियंत्रण में लाने में मिली सफलता से सम्भवतः एक मार्ग दिखा जो महिला सुरक्षा की सरकार की आकांक्षा को सत्य ही सम्भव कर सकता है।
‘मिशन शक्ति’ के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा, स्वावलम्बन एवं सम्मान का दायित्व उठाती हुई सरकार एक नई जिजीविषा से प्रेरित है, जहां मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार समस्याओं के समाधान की अत्याधुनिक व्यवस्था पर कार्य कर रही है। इस योजना में प्रत्येक थाने में एक गोपनीय कक्ष के निर्माण से पीड़ित महिलाओं की निजता का ध्यान रखा जाएगा। उनकी समस्याओं को सहृदयता से सुनने व समझने के लिए महिला अधिकारी तैनात होंगी।
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अपराधों की रोकथाम में देरी की जड़ में यह रहा है कि महिलाओं के विरुद्ध किए जा रहे अपराधों में कई बार शिकायतें पुलिस तक बहुत विलम्ब से पहुंचती हैं। ऐसा होने के पीछे कई कारण हैं, सहायता मांगने में विश्वास की कमी, कानूनों का ज्ञान न होना, कानूनी सहायता में लगने वाली देरी से घबराना, पुरुष पुलिसकर्मियों से बात करने में डर। ये समस्याएं अक्सर पीड़ित महिलाओं को कानून का सहारा लेने से रोकती थीं मगर ‘मिशन शक्ति’ अभियान के अंतर्गत गठित किए जाने वाली विशेष महिला डेस्क से इन चिंताओं की समाप्ति में एक बड़ी मदद मिलने की आशा बलवती हुई है। जहां महिला पुलिसकर्मी पीड़िता की निजता का ध्यान रखते हुए उनकी बात सुनेंगी, सहायता करेंगी और त्वरित न्याय की व्यवस्था की सम्भावना बढ़ेगी। महिलाओं में जैसे-जैसे जागरूकता व अपने अधिकारों के प्रति चेतना को दृढ़ता मिलेगी अपराध की कमर अपने आप टूटने लगेगी। इसी क्रांतिकारी विचारधारा को ‘मिशन शक्ति’ अभियान के साथ मुख्यमंत्री जी सत्य का जामा पहनाने का कार्य कर रहे हैं। महिला अधिकारी वेबिनार के माध्यम से महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए निरंतर संवाद बनाए हुए हैं।
‘मिशन शक्ति’ की यह व्यवस्था मातृ शक्ति प्रकृति के शुभ और कोमलतम स्वरूप के सशक्तीकरण का आरम्भ है। जहां अपराध के बाद की कार्रवाई पर तो अभूतपूर्व ध्यान दिया ही जाएगा। मगर अपराध को रोकने, अपराधियों की आरम्भिक गतिविधियों को संज्ञान में लेकर अपराध न होने देने की व्यवस्था को मजबूती दिए जाने के प्रयास हेतु जनजागरूकता का भी कार्य किया जा रहा है।
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महिलाओं की सुरक्षा के लिए जहां ‘मिशन शक्ति’ अभियान में स्वाभिमान, सुरक्षा व स्वावलम्बन की दिशा में अग्रसर महिला शक्ति को कार्यस्थल पर होने वाली सुरक्षा समस्याओं से भी मुक्ति दिलाने की व्यवस्था की गई है।
अपराधों के होने के बाद अपराधी की धरपकड़ और फिर कानूनी कार्रवाई से भी कहीं अधिक आवश्यक व प्रभावशाली होता है अपराधी की मानसिकता को कमजोर किया जाए।
महिलाओं की सुरक्षा पर बातें करना तो सम्भवतः आज तक सभी सरकारों के लिए बहुत जरूरी विषय रहा है मगर ‘मिशन शक्ति’ की व्यवस्था के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि महिलाओं सशक्तीकरण पर कोरी बातें करके तालियाँ और वोट प्राप्त करने पर नहीं बल्कि उनकी दृष्टि सच्चे, सुदृढ़ व सुविकसित योजना पर है, जो महिलाओं की सुरक्षा से किसी प्रकार के समझौते की जड़ को ही समाप्त कर पहुंचे। सही मायने में महिलाओं के उन्नयन के लिए यह एक क्रांतिकारी परिवर्तन विचारों के मूर्त रूप प्राप्त करने से ही हो सकता है। इस तरह ‘मिशन शक्ति’ प्रदेश की महिलाओं को एक नवीन और सच्चे आत्मविश्वास के पथ पर अग्रसर कर रहा है।