शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर बयान दिया है. शिवसेना और बीजेपी के कार्यकर्ताओं की संयुक्त बैठक में उद्धव ने कहा कि अगर छत्रपति शिवाजी होते और उनके सामने हमने गठबंधन में धोखा किया होता तो पहाड़ की चोटी से नीचे फेंक देते. ठाकरे ने भाषण की शुरुआत में कहा, ‘मुझे बात कैसे और कहां से शुरू करनी है, इसे लेकर असहजता महसूस हो रही है. इस असहजता की वजह बीजेपी और शिवसेना के रिश्तों में आए उतार-चढ़ाव हैं. पिछले पांच सालों में दोनों पक्षों की तरफ से विरोधी बयान दिए गए।
अब सही समय है जब हमें मतभेद भुलाकर साथ आना चाहिए. लेकिन इसका विकास पर असर नहीं पड़ा. हमने जो भी कहा सब सार्वजनिक है. पिछले 25 सालों से दोनों पार्टियां साथ रही हैं. हम हिंदुत्व को बचाने के लिए एक बार फिर साथ आए हैं. ‘ उल्लेखनीय है कि हाल ही में पंढरपुर में हुई रैली में उद्धव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारा लगाते हुए कहा था, ‘चौकीदार ही चोर है.’ दोनों पार्टी के कार्यकर्तोओं के बीच दूरियां मिटाने और मनोमिलन कराने के लिए उद्धव ठाकरे ने छत्रपति शिवाजी महाराज की मिसाल दी और कहा कि हिंदुत्व की रक्षा करने के मकसद से हम साथ आए हैं।
इसलिए काम भी साथ मिलकर करना होगा. सिर्फ छत्रपति शिवाजी महाराज की जय बोलने से और भगवा झंडा हाथ में लेकर नारेबाजी करने से दोनों पक्षों में गठबंधन नहीं हो सकता. उद्धव ठाकरे ने छत्रपति शिवजी महाराज का उदाहरण देते हुए कहा कि सामने तारीफ और पीठ पीछे कड़वाहट अगर छत्रपति शिवाजी महाराज को देखी होती तो उन्होंने हम सभी को पहाड़ी से धकेल देने की शिक्षा दी होती. उद्धव ठाकरे ये कहने से भी नहीं चुके कि अगर भाजपा और शिवसेना की गठबंधन नहीं हुई होती तो 2019 के चुनाव में हम हार गए होते और अगर हार हुई होती तो कौन सत्ता में आया होता इसका अंदाजा कार्यकर्ताओं को लगाने को कहा