ईवीएम और वीवीपैट को लेकर छिड़ी जंग अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत 21 विपक्षी पार्टियों की संयुक्त याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. कोर्ट की ओर से अगली सुनवाई में EC के एक वरिष्ठ अधिकारी को अदालत में पेश होने को कहा है.
दरअसल, विपक्षी पार्टियों की याचिका में अपील की गई थी कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को निर्देश दे कि वो कुल इस्तेमाल की जा रही EVM और VVPAT में से 50 फीसदी EVM में दर्ज मतों और उनकी जोड़ीदार VVPAT में मौजूद पर्चियों का औचक मिलान किया जाए.
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अभी तक चुनाव आयोग 4.4 फीसद EVM और VVPAT का मिलान करता है. अब इस मामले की सुनवाई 25 मार्च को होगी.
बता दें कि बीते दिनों चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले विपक्षी पार्टियों के बीच बड़ी बैठक हुई थी. इसी बैठक में इस याचिका को लेकर मंथन किया गया था.
इस बार लोकसभा चुनाव में ईवीएम के साथ-साथ वीवीपैट मशीनों का भी इस्तेमाल किया जाएगा. पिछले कई चुनाव में ऐसा देखने को मिला है जब विपक्षी पार्टियों ने चुनावी नतीजों पर सवाल उठाए हैं और केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा था. क्योंकि जब भी विपक्षी पार्टियां चुनाव हारती हैं तो ईवीएम में खराबी के सवाल खड़े किए जाते है।
हालांकि, भारतीय जनता पार्टी की ओर से हर बार यही कहा गया है कि जब भी विपक्षी पार्टियां चुनाव हारती हैं तो ईवीएम का बहाना करती है लेकिन जब जीतती हैं तो चुप्पी साध लेती हैं.