उन्नाव रेप केस में पीड़िता का इलाज लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है। पीड़िता अभी बहोत ही संदिग्ध हालत में है। वह वेंटीलेटर पर है और हादसे के बाद से ही करीब पिछले 40 घंटे से बेहोश है। उसके सिर, सीने व पैर में कई फ्रैक्चर हैं। ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए लाइफ सपोर्ट का सहारा लिया जा रहा है। फेफड़ों से ब्लीडिंग हो रही है।
उधर, रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा को 18 घंटे की परोल मिली है। वह कल रायबरेली जिला जेल से पैरोल पर उन्नाव जाएंगे और पत्नी का अंतिम संस्कार कर कल फिर वापस रायबरेली जेल आ जाएंगे। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने परिजनों की याचिका पर पत्नी का अंतिम संस्कार करने के लिए चाचा को 18 घंटे की परोल दी है। परोल की मियाद बुधवार सुबह से शुरू होकर रात 12 बजे तक होगी।
बता दें कि 28 जुलाई को रायबरेली में हुए एक्सीडेंट में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई। इसके बाद पीड़िता के परिजन मांग कर रहे थे कि रिश्तेदारों के अंतिम संस्कार के लिए उसके चाचा को बेल दी जाए।
परिवार धरने पर बैठ गया और मामले में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर सख्त कार्रवाई की मांग की। परिवार ने रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा को छोड़ने की मांग की। उनका कहना है कि घर में अब कोई नहीं बचा है। इसलिए उन्हें पैरोल पर बाहर निकाला जाए।
इस मांग को लेकर पीड़िता के परिजन मंगलवार सुबह केजीएमयू के सामने धरने पर बैठ गए थे। परोल के दौरान पीड़िता के चाचा पुलिस सुरक्षा में रहेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक तकनीकी भाषा में इसे परोल नहीं कहा जाएगा। ये एक तरह का छोटी अवधि का बेल है, जो उन्हें पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए दिया गया है।
इस बीच योगी आदित्यनाथ सरकार ने रायबरेली सड़क हादसे की सीबीआई जांच की अनुमति दे दिया है। इस दुर्घटना में पीड़िता और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हैं और पीड़िता की दो रिश्तेदारों की मौत हो गई है। दुर्घटना में एक बड़ा खुलासा हुआ है कि पीड़िता की कार की टक्कर जिस ट्रक से हुई थी, वह ट्रक समाजवादी प्रगतिशील पार्टी के एक नेता का है।