भारत बंद की वजह से नहीं तो कैसे गई बिहार में दो साल की बच्ची की जान!

बिहार के जहानााबाद में भारत बंद के कारण जाम में फंसी एम्बुलेंस में दो साल की बीमार लड़की ने दम तोड़ दिया.

नई दिल्ली: कांग्रेस ने आज पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों के कारण भारत बंद बुलाया हुआ है. कांग्रेसी और विपक्षी नेता रामलीला मैदान में जुटे हुए हैं और पार्टी कार्यकर्ता जगह-जगह विरोध के नाम पर हिंसा बरपा रहे हैं. बिहार में इस भारत बंद का सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है. यहां कई स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है. प्रदर्शनकारियों ने बिहार में टायर जलाए और कई वाहनों के शीशे तोड़ दिए. इस तरह की हिंसा के कारण राज्य भर में जाम लगे हुए हैं.

इसी बीच खबर ये भी आई कि बिहार के जहानााबाद में भारत बंद के कारण जाम में फंसी एम्बुलेंस में दो साल की बीमार लड़की ने दम तोड़ दिया. जनसत्ता के मुताबिक लड़की के परिजनों ने बताया कि उनकी दो साल की बच्ची को डायरिया हो गया था जिसके चलते उसे जहानाबाद के अस्पताल में ले जाया जा रहा था. लड़की के पिता प्रमोद मांझी ने कहा कि अस्पताल जाने के रास्ते में बंद का समर्थन करने वालों ने उनके ऑटो को रोक लिया, उनकी गुहार लगाने के बावजूद भी उन्हें नही जाने दिया गया. तभी अस्पताल पहुंचने से पहले ही गौरी की मौत हो गई.

ये खबर आने के बाद झट से कांग्रेस के भारत बंद की आलोचना करने के इंतजार में बैठी भाजपा ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाई.

पत्रकारों को संबोधित करते हुए कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कांग्रेस के विरोध की जमकर आलोचना भी करी. रवि शंकर प्रसाद ने कहा, “हर किसी को विरोध करने का हक है लेकिन आज क्या हो रहा है? लोगों की जिंदगियों को ताक पर रखकर पेट्रोल पंप और बसों में आग लगाई जा रही है. बिहार के जहानाबाद में जाम में फंसने के कारण एंबुलेंस में एक दो साल की लड़की की जान चली गई. इसका जिम्मेदार कौन होगा.”

हालांकि रवि शंकर प्रसाद की प्रेस कांफ्रेंस के बाद जहानाबाद के एसडीओ का भी बयान आाया. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान जहानाबाद के एसडीओ परितोष कुमार ने बताया है कि लड़की की जान भारत बंद से हुए जाम में फंसने के कारण नही हुई है बल्कि उसके घरवाले ही उसे देरी से अस्पताल ले जाने के लिए निकले थे.

जाहिर है कि एसडीओ के बयान से भारत बंद कर रही कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों को भाजपा पर पलटवार करने का मौका मिल जाएगा. अब ऐसे में सवाल उठते हैं कि क्या गौरी के पिता सच कह रहे हैं और जहानाबाद के एसडीओ दबाव में आकर झूठ बोल रहे हैं. यदि भारत बंद की वजह से गौरी की जान नही गई तो कैसे गई.

कथित तौर पर लोगों के हित के लिए होने वाले भारत बंद के कारण आम लोगों को हो रही परेशानी की चिंता शायद ही किसी पार्टी को है. चुंकि जब भाजपा विपक्ष में थी तो ऐसा ही महंगाई को लेकर ऐसे ही बवाल होता था और जनता परेशान होती थी.

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