26 साल बाद खत्म हुआ जेट एयरवेज का सफर, हजारों कर्मचारियों का भविष्य अधर में

जेट एयरवेज
मुंबई: लंबे समय से नकदी संकट से जूझ रही एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज का परिचालन बुधवार को अस्थाई तौर पर बंद कर दिया गया. इससे न सिर्फ यात्रियों और एयरलाइन में विभिन्न सर्विस प्रोवाइड करने वालों का करोड़ों रुपया फंस गया है बल्कि कंपनी के 20 हजार से अधिक कर्मचारियों का भविष्य भी अधर में लटक गया है.

जेट एयरवेज की मुश्किलें

बता दें, एयरलाइन कंपनी पर बैंकों का 8,500 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. जिसके चलते कंपनी संकट में फंसती गई. इधर बैंकों के समूह द्वारा 400 करोड़ रुपये की त्वरित ऋण सहायता न देने के चलते एयरलाइन ने कंपनी को अस्थाई तौर पर बंद करने का फैसला लिया.

करीब ढाई दशक तक लोगों को अपनी सेवाएं देने वाली जेट एयरवेज कंपनी ने बुधवार मध्यरात्रि को अमृतसर से नई दिल्ली के लिए अपनी आखिरी उड़ान भरी. वहीं कंपनी का कहना है कि ‘ऋणदाता बैंकों की तरफ से आपात ऋण न मिलने के चलते हम परिचालन को जारी रखने के लिए ईंधन और दूसरी जरूरी सेवाओं का भुगतान नहीं कर सकते. इसलिए हम अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों को अस्थाई रूप से बंद करने पर मजबूर हैं’.
इधर जेट एयरवेज के कर्मचारियों का कहना है कि आज दोपहर 2 बजे जंतर मंतर पर हम एकत्र हो रहे हैं. लेकिन हम प्रोटेस्ट के लिए नहीं प्रार्थना के लिए एकत्रित होंगे. हम सिर्फ जेट एयरवेज के फिर से सुचारू होने और गति पकड़ने के लिए एकत्रित होंगे. ग्राउंड स्टाफ को 10 मई तक की छुट्टी की बात कही गई है. इसके बाद मैनेजमेंट आगे का फैसला करेगी. जबकि सीनियर स्टाफ को बैंक से लोन में विलंब होने के चलते टेम्पररी शट डाउन की बात कही गई है.
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