महंगा पड़ा झूठ बोलना, प्रदेश के 37 हज यात्रियों का चयन निरस्त

लखनऊ: हज जाने के लिए झूठ का सहारा आपको मुश्किल में डाल सकता है। हज कमेटी आफ इंडिया ने प्रदेश के 56 हज यात्रियों के आवेदन फार्म निरस्त किये हैं। इसमें सबसे अधिक 37 यात्री ऐसे हैं जिन्होंने हज आवेदन फार्म में झूठी सूचनाएं दी थीं। इन हज यात्रियों का चयन भी हो गया और उन्होंने पहली व दूसरी किस्त के 2 लाख 2 हजार रुपये भी जमा करा दिये। हज कमेटी आफ इंडिया ने इन सभी हज यात्रियों का चयन निरस्त कर दिया है और उनकी पेशगी रकम भी जब्त करेगी।

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हज कमेटी आफ इंडिया ने पिछले वर्ष यह नियम बनाया था कि कोई भी भारतीय मुसलमान जीवन में सिर्फ एक बार ही हज कर सकता है। इससे पहले यह प्रतिबन्ध 5 वर्ष में एक बार हज करने की अनुमति थी।चार आवेदकों की मृत्यु : हज यात्री मोहम्मद अशरफ (68) व नजीर अहमद (78) को हज जाना था। इत्तेफाक की बात यह कि दोनों का निधन हो गया। इसी प्रकार साबिर खां (60) व उनकी पत्नी बानो बेगम को हज जाना था। साबिर खां का निधन हो गया तो उनकी पत्नी बानो बेगम ने हज जाने का कार्यक्रम निरस्त कर दिया।

कानपुर के रहने वाले हज यात्री जान मोहम्मद (65) का निधन हो गया। वह अपनी पत्नी सहीदन के साथ हज जाने वाले थे। ऐसे हालात में सहीदन पति जान मोहम्मद के बजाय अपने बेटे को हज पर ले जाने के लिए आवेदन किया है।

हज कमेटी आफ इंडिया ने 8 ऐसे हज यात्रियों का चयन निरस्त किया है जिन्होंने आर्थिक कारणों से हज पर जाने में असमर्थता जतायी है। हज कमेटी ने 3 हज यात्रियों के आवेदन फार्म विभिन्न कारणों से निरस्त किये हैं। इसके अलावा 3 ऐसे लोगों के आवेदन निरस्त किये हैं जिन्होंने घरेलू कारणों से हज जाने में असमर्थता जतायी है।

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