नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को बताया कि सृजन घोटाले के संबंध में आठ लोगों के खिलाफ चार और मामले दर्ज किए गए हैं। इस घोटाले में शामिल भागलपुर जिले के एक स्वयंसेवी संस्था पर सरकारी कल्याण योजनाओं के पैसों का गबन करने का आरोप है। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि आपराधिक साजिश, विश्वासघात, धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में मामले दर्ज किए गए हैं।
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, पहला मामला एनजीओ सृजन महिला विकास सहयोग समिति की अध्यक्ष शुभलक्ष्मी प्रसाद और एनजीओ के नौ अन्य कर्मियों पर दर्ज किया गया है।
इन लोगों पर मामले मंगलवार को दर्ज हुए।
वहीं, दूसरे मामले में जांच एजेंसी ने बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व वरिष्ठ शाखा प्रबंधक, कैशियर, जिला कल्याण विभाग के पूर्व अधिकारी अरुण कुमार, सृजन के कैशियर व अन्य कर्मियों व अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ है।
तीसरे मामले में एजेंसी ने भागलपुर के बैंक ऑफ बड़ौदा के मौजूदा शाखा प्रबंधक, इंडियन बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक और सृजन के अन्य पदाधिकारियों के नाम शामिल हैं।
चौथे मामले में बिहार के बांका जिले के तत्कालीन भूमि अधिग्रहण अधिकारी, सृजन के सभी पदाधिकारियों और इंडियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन शाखा प्रबंधकों के नाम शामिल हैं।
सृजन घोटाले में भागलपुर स्थित एनजीओ सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड का नाम शामिल है, जो महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करता था। इस गैर सरकारी संगठन ने कथित तौर पर भागलपुर जिला प्रशासन के बैंक खातों से सरकारी कल्याण योजनाओं के लिए धनराशि निकाली थी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 18 अगस्त, 2017 को सृजन घोटाले की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की थी। वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद ने बिहार में नीतीश पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया था।