नई दिल्ली: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने मंगलवार को यूपी विधानसभा (UP Assembly) में अनुपूरक बजट भाषण के दौरान 5 बड़े ऐलान किए. सीएम योगी का भाषण युवाओं पर केंद्रित रहा. यही नहीं उन्होंने इस दौरान सदन में नौजवानों के लिए कविता भी पढ़ी. अफगानिस्तान के ताजा हालातों पर बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी ने सदन में कहा कुछ लोग बेशर्मी के साथ तालिबान का समर्थन कर रहे हैं. आपको बता दें कि यहां उनका इशारा समाजवादी पार्टी के कुछ नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर था. हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया.
क्या है पांच बड़ी घोषणाएं-
State government has increased the dearness allowance of govt employees to 28% (as per the Centre’s mandate) with the effect from July 2021. Government will enhanced honorarium to Anganwadi Workers/Anganwadi Helpers (AWWs/AWHs): CM Yogi Adityanath in State Assembly pic.twitter.com/oRSVpAIw9b
— ANI UP (@ANINewsUP) August 19, 2021
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- प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे युवाओं के लिए सरकारी भत्ता
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- 1 करोड़ युवाओं को दिए जाएंगे स्मार्टफोन
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- माफियाओं से कब्जा मुक्त कराई गई जमीन पर गरीबों के लिए आवास
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- सरकारी कर्मचारियों को दिया जाएगा महंगाई भत्ता
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- अधिवक्ताओं की सुरक्षा निधि में इजाफा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में कहा कि हमारी सरकार माफियाओं को नहीं ढोती है. लेकिन कुछ लोग पूरे प्रदेश का माहौल बिगाड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने माफियाओं पर बुलडोज़र चलवाया और उनकी अवैध प्रोपर्टी से कब्जा हटवाया. अब माफियाओं द्वारा अवैध रूप से कब्जाई गई जगहों पर या तो कोई दलित रहेगा या फिर कोई गरीब. सरकारी कर्मचारियों के लिए घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि 1 जुलाई 2021 से सभी सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाएगा. जबकि सोशल सिक्योरिटी के अंतर्गत वकीलों की सुरक्षा निधि को डेढ़ लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जाएगा.
Government will build houses for the poor and Dalits on the confiscated land of the mafia. We don’t carry Mafias with us, we take action against them: Chief Minister Yogi Adityanath in State Assembly pic.twitter.com/K52I7qzMK4
— ANI UP (@ANINewsUP) August 19, 2021
उत्तर प्रदेश में शहरों का नाम बदलने की गूंज आज यूपी विधानसभा में भी सुनाई दी. जब सदन के अंदर सपा ने सरकार पर नाम बदलने की राजनीति करने का आरोप लगाया. इस मामले पर सरकार कुछ बोलती उससे पहले ही बसपा विधान मंडल दल के नेता शाह आलम ने सदन में कहा कि नाम बदलने का काम सिर्फ अभी नही बल्कि पिछली सरकार में भी खूब हुआ. गौरतलब है कि प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद इलाहाबाद और फैज़ाबाद का नाम बदल दिया गया. जिसके पीछे सरकार ने तर्क दिया कि नाम बदला नही गया बल्कि इन शहरों को इनकी पुरानी पहचान वापस की गई है. हालांकि अब अलीगढ़ और देवबंद का नाम बदलने की मांग हो रही है।सूत्रों के मुताबिक अलीगढ़ का नाम बदलने की सरकार तैयारी भी कर चुकी है तो वही देवबंद का नाम बदलने की मांग बजरंग दल कर रहा है।न सिर्फ अलीगढ़ और देवबंद बल्कि आधा दर्जन से ज़्यादा ऐसे शहर हैं जिनके नाम बदलने की चर्च हो रही है.