हल्द्वानी। उत्तराखंड के हल्द्वानी में हालात काबू में हैं और शांति है। शहर में बड़ी तादाद में पुलिसकर्मी तैनात हैं। उपद्रव वाले बनभूलपुरा इलाके में अभी कर्फ्यू है। बाकी शहर से कर्फ्यू हटा लिया गया है। बनभूलपुरा में इंटरनेट भी बंद है। यहां बीते गुरुवार को जमकर हिंसा हुई थी। बनभूलपुरा में हुई हिंसा में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए। हल्द्वानी में हुई हिंसा में 5 लोगों की जान भी गई। कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं।
उत्तराखंड सरकार ने हल्द्वानी में हुई हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दिए हैं। इस बीच, हिंसा के संबंध में 5 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनमें समाजवादी पार्टी के एक नेता का भाई, दो निवर्तमान पार्षद और एक खनन कारोबारी शामिल हैं। पुलिस ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुई हिंसा के संबंध में 3 एफआईआर दर्ज की है। इन एफआईआर में 16 लोग नामजद हैं। साथ ही हजारों अन्य को भी हिंसा का जिम्मेदार बताया गया है। इस बीच, खबर है कि हल्द्वानी के लिए और 4 कंपनी केंद्रीय बल मंगवाया गया है।
हल्द्वानी में हुई हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को बताया जा रहा है। वो फरार है। अब्दुल मलिक पर आरोप है कि उसने हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में मलिक का बगीचा पर अवैध कब्जा कर निर्माण कराया। नजूल की जमीन पर अवैध अतिक्रमण हटाने का सबसे ज्यादा विरोध भी अब्दुल मलिक ने किया था। हल्द्वानी के बनभूलपुरा में अवैध अतिक्रमण को हटाया जा रहा था। यहां एक भवन को गिराया गया। जिसे कुछ लोग मस्जिद, कुछ लोग मदरसा बताते थे। हालांकि, नैनीताल की डीएम वंदना ने मीडिया को जानकारी दी थी कि धार्मिक या मदरसा के हिसाब से ये भवन पंजीकृत नहीं था। डीएम ने ये भी बताया था कि हल्द्वानी में अवैध अतिक्रमण और निर्माण के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी में हुई हिंसा पर सख्त रुख अपनाया है। धामी ने शनिवार को अल्मोड़ा में एक कार्यक्रम में कहा कि हिंसा करने वालों पर ऐसी सख्त कार्रवाई होगी, जो भविष्य के लिए नजीर बनेगी। धामी इससे पहले हल्द्वानी पहुंचे थे और वहां घायल पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों से मुलाकात भी की थी। सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चीफ सेक्रेटरी राधा रतूड़ी और डीजीपी भी घटना के बाद हल्द्वानी गए थे और वहां हालात की समीक्षा की थी।