नई दिल्ली: बॉलीवुड की रूप की रानी श्रीदेवी अब इस दुनिया में नहीं हैं। लेकिन उनकी यादें आज भी उनके फैंस के दिलों में जिंदा है. बीते 15 सालों में सिर्फ दो फ़िल्में करने के बाद भी श्रीदेवी के चाहने वालों की तादात कम नहीं हुई. वो ज़िंदा होतीं तो आज 55 साल की हो जातीं. श्रीदेवी उन ख़ास अदाकारों में थीं जिन्होंने जेंडर और भाषा की सीमाएँ लांघी और हिंदी, तमिल, तेलुगू समेत कई भाषाओं में सुपरस्टार बनकर राज किया.
बाथटब में डूबने से हुई मौत
इस साल 24 फरवरी की रात थी जब श्रीदेवी दुबई के होटल में अपने पति बोनी कपूर के साथ डिनर पर जाने के लिए तैयार हो रही थी. पति बोनी भी अपनी पत्नी के साथ कुछ वक्त बिताना चाहते थे.
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पति बोनी कमरे में बाहर बैठे श्रीदेवी का इंतजार कर रहे थे और श्रीदेवी बाथरूम में नहाने गईं थी वहीं दर्घटनावश उनका पैर फिसला और पानी से भरे बाथटब में डूबने से उनकी मौत हो गई. जब तक बोनी कपूर कुछ समझ पाते या कर पाते तब तक श्रीदेवी इस दुनिया से हमेशा के लिए जा चुंकी थी.
25 फरवरी के तड़के ये खबर मीडिया में बाहर आई की श्रीदेवी की दुबई में मौत हो गई. इस खबर ने सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री ही नहीं बल्कि पूरे देश को सकते में डाल दिया. किसी के लिए भी ये यकीन कर पाना बेहद मुश्किल था कि हिंदी सिनेमा की पहली महिला सुपरस्टार की यूं अचानक बाथटब में डूबने से मौत हो गई.
बोनी कपूर पर किया जा रहा था शक
श्रीदेवी की मौत दुबई के एक होटल में हुई थी. किसी के लिए भी इस बात को हजम कर पाना मुश्किल था कि एक सुपरस्टार की मौत बाथटब में डूबने से हो गई . ऐसे में शक की सुई बोनी कपूर की ओर घूमने लगी, क्योंकि जिस समय श्रीदेवी की मौत हुई केवल बोनी ही वहां मौजूद थे. लेकिन जांच के बाद उन्हें भारत आने की अनुमति दे दी गई थी.
श्रीदेवी एक सुपरस्टार थीं और उनकी मौत भी दुबई में हुईं थी जिसके चलते कानूनी कार्रवाई और पोस्टपार्टम के बाद ही उनके पार्थिव शरीर तो परिजनों को सौंपा गया. पुलिस ने अपनी जांच में ये साफ कर दिया था कि श्रीदेवी की मौत बाथटब में डूबने से हुई थी और उनके सिर पर चोट के निशान भी मिले थे.
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शुरुआती रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि हार्टअटैक के चलते उनकी मौत हुई है लेकिन बाद में दुबई पुलिस वे इस थ्योरी को नकार दिया था. तमाम जांच के बाद 27 फरवरी को श्रीदेवी के पार्थिव शरीर को भारत आने देने की अनुमति दी गई. देर रात करीब अर्जुन कपूर और बोनी कपूर दिवंगत एक्ट्रेस श्रीदेवी के पार्थिव शरीर को लेकर मुंबई पहुंचे थे.
बोनी कपूर ने पूरी की पत्नी की आखिरी इच्छा
कपूर खानदान अपने परिवार का एक सदस्य और सिनेमा अपने आसमान का एक चमकता सितारा खो चुका था. लेकिन पति बोनी कपूर अपनी पत्नी की आखिरी इच्छा पूरा करना चाहते थे और उनकी अंतिम यात्रा की तैयारी उन्होंने ठीक वैसे ही की थी जैसा श्रीदेवी चाहती थी.
एक बार यूं ही बातों बातों में श्रीदेवी ने बोनी से कहा था कि जब कभी मैं मर जाउं तो मेरी अंतिम विदाई में सफेद फूलों का इस्तेमाल किया जाए और बोनी ने किया भी ठीक वैसा. श्रीदेवी को सुर्ख लाल जोड़े में सजाया गया था और उनकी अंतिम विदाई के लिए और प्रेयर मीट के लिए सफेद फूलों का इस्तेमाल किया गया था. बताया जाता है कि श्रीदेवी को सफेद रंग बहुत पसंद था.
गार्ड ऑफ़ ऑनर के साथ हुई विदाई
श्रीदेवी की अंतिम विदाई राजकीय सम्मान यानी गार्ड ऑफ़ ऑनर के साथ की गई थी. श्रीदेवी को पद्म श्री सम्मान मिलने के चलते उनके अंतिम संस्कार को राजकीय सम्मान के साथ पूरा किया गया. मुंबई पुलिस के जवानों ने श्रीदेवी के पार्थिव शरीर के सामने गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया था.