नोटबंदी फ्लॉप ! कांग्रेस ने पूछा पीएम देश से माफ़ी मांगेगे क्या ?

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नोटबंदी को लेकर आंकड़ों ने विपक्ष को जबरदस्त ताकत दे दी है। कांग्रेस नेता पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि देश ने नोटबंदी के नाम पर बहुत बड़ी कीमत चुकाई है। पुरानी करेंसी अवैध करने से 13000 करोड़ रुपये, जो बैंकों में वापस नहीं आए, उनके लिए देश ने जीडीपी का 2.25 लाख करोड़ रुपये गंवाए। इसके अलावा लाखों की नौकरियां चली गयीं तो बैंको की लाइन में लगकर सौ से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने तो पूछा है कि नोटबंदी का हश्र सामने आने के बाद क्या अब प्रधानमंत्री अपने पद से इस्तीफा देंगे।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को अपनी वार्षिक रपट में कहा है कि नवंबर 2016 में अमान्य घोषित किए गए 500 और 1000 रुपये के नोट में करीब 99.3 फीसदी रकम आरबीआई में वापस आ चुकी है, जिसके बाद चिदंबरम ने यह टिप्पणी की।

कांग्रेस नेता ने सिलसिलेवार ट्विट में कहा, “15.42 लाख करोड़ रुपये (13,000 करोड़ रुपये छोड़कर) की राशि में से एक-एक रुपया आरबीआई के पास वापस लौट चुका है। याद कीजिए कि किसने कहा था कि तीन लाख करोड़ रुपये वापस नहीं आएंगे और यह सरकार के लिए फायदेमंद होगा।”

उन्होंने कहा कि 13,000 करोड़ रुपये, जो वापस नहीं आए हैं, हो सकता है कि वे कालाधन न हों, बल्कि यह नेपाल व भूटान की मुद्रा हो या फिर ये नष्ट हो गए हो।

चिदंबरम ने कहा, “इसलिए सरकार और आरबीआई ने वास्तव में केवल 13,000 करोड़ रुपये का विमुद्रीकरण किया और देश को इसके लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। सौ से ज्यादा लोग मारे गए। 15 करोड़ दिहाड़ी मजदूर कई हफ्तों तक अपनी आजीविका नहीं चला पाए। कई छोटे व मध्यम दर्जे के उद्योग बंद हो गए। लाखों नौकरियां खत्म हो गईं।”

उन्होंने कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था ने विकास के स्तर पर जीडीपी का 1.5 प्रतिशत गंवाया, जोकि अकेले एक वर्ष में 2.25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान है।”

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने नोटबंदी को मोदी मेड डिजास्टर का नाम दिया है. सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2017 के स्वतंत्रता दिवस के भाषण पर कहा था कि तीन लाख करोड़ रूपये वापिस नहीं आएंगे.

सुरजेवाला ने आरबीआई रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 15.311 लाख करोड़ रूपये वापिस आए हैं तो क्या अब प्रधानमंत्री माफी मांगेंगे.

बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को वार्षिक रिपोर्ट जारी की है. आरबीआई ने बुधवार को जारी की गई अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि नोटबंदी के दौरान बंद हुए 500 औऱ 1000 के 99.3 प्रतिशत नोट बैंको में वापिस आ गए हैं. अपनी रिपोर्ट में आरबीआई ने बताया है कि सभी केंद्रों ने नोटों की गिनती पूरी कर ली है.

आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी से पहले 500 और 1000 रुपये के नोट में लगभग 15.417 लाख करोड़ रूपये चलन में थे जिनमें से 15.311 लाख करोड़ रुपये बैंकों में वापस आ गए हैं.

रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में बाजार में नोटों के सर्कुलेशन में 37.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 31 मार्च, 2018 तक बाजार में 18.03 लाख करोड़ रुपये के बैंक नोट मौजूद हैं जबकि 31 मार्च 2017 में बाजार में 13.102 लाख करोड़ रुपये के बैंक नोट मौजूद थे.

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