इमरान ने बढ़ाया मोदी की तरफ दोस्ती का हाथ, सार्क सम्मेलन में आने का देंगे न्योता

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत के प्रति नरम रवैया अपना रहे है. पहले पाकिस्तान की तरफ से करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण के लिए मंजूरी दी गई. और अब पाकिस्तान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सार्क सम्मेलन में शामिल होने का न्योता भेजने वाला है.

कॉरिडोर से पिघलेगी रिश्तों पर पड़ी बर्फ

पाकिस्तान की तरफ से करतापुर कॉरिडोर के निर्माण के लिए नींव का पत्थर 28 नवंबर को डाला जाएगा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री खुद इसमें शरीक करेंगें. पाकिस्तान ने पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को शामिल होने के लिए न्योता भेजा था. लेकिन वो पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में व्यस्त है इसलिए नहीं जा रही है.

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सुषमा स्वराज की जगह इसमें भारत के दो केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर और हरदीप सिंह पुरी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. जबकि पंजाब कैबिनेट में मंत्री सिद्धू बाघा बार्डर के जरिए पाकिस्तान जा चुके है. माना जा रहा है कि यह कॉरिडोर दोनों देशों के रिश्ते पर पड़ी बर्फ को पिघला सकता है.

साल 2016 का सार्क सम्मेलन हुआ था रद्द

 पाकिस्तान ने साल 2016 में सार्क सम्मेलन कराया था. लेकिन भारत समेत बांग्लादेश भूटान ने भी इसमें जाने स मना कर दिया था जिसके बाद पाकिस्तान को यह सम्मेलन रद्द करना पड़ा था. पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन हो चुका है.

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अब पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान है. और वो विश्व के सभी देशों के साथ पाकिस्तान के रिश्ते सुधारने पर जोर दे रहे है. और करतारपुर कॉरिडोर को उनकी मंजूरी देना भारत के साथ रिश्ते बेहतर करने के कदम के तौर पर देखा जा रहा है.

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भारत ने गुरूपर्व पर सिख समुदाय को तोहफा देते हुए करतापुर कारिडोर के निर्माण की बात की थी. पाकिस्तान को इसके लिए प्रस्ताव भी भेजा गया था. पाकिस्तान ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. जिसके बाद 26 नवबंर को भारत ने कारिडोर के निर्माण के लिए नींव का पत्थर रखा था. जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का इसके लिए शुक्रिया किया था. साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को दो टूक कह दिया था कि पाकिस्तान सीमा पार से आतंकियों को भारत भेजना बंद करे और सीजफायर का उल्लंघन करना बंद करें.

पाकिस्तान की मजबूरी है कि वो भारत के साथ अपने रिश्ते बेहतर करे. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अभी संकट के समय से गुजर रही है. जबकि भारत विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. पाकिस्तान करतापुर कॉरिडोर के जरिए भारत से रिश्ते बेहतर करना चाह रहा है.

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