नई दिल्ली: ईद से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था. कांग्रेस की इस इफ्तार पार्टी में छोटे-बड़े दस दलों के नेता शामिल हुए. आरएसएस के कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद चर्चा में आए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राहुल गांधी के सबसे करीब बैठे दिखे.
दिल्ली के ताज होटल में दिए गए इफ्तार पार्टी के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट किया और लिखा, ‘’अच्छा खाना, जाने-पहचाने चेहरे और बहुत अच्छी बातचीत ने इफ्तार को यादगार बना दिया. मुझे खुशी है कि प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी जैसे दो पूर्व राष्ट्रपतियों के अलावा दूसरे राजनीतिक पार्टियों के नेता इफ्तार पार्टी का हिस्सा बने.’’
Good food, friendly faces and great conversation make for a memorable Iftar! We were honoured to have two former Presidents, Pranab Da & Smt Pratibha Patil ji join us, along with leaders from different political parties, the media, diplomats and many old & new friends. pic.twitter.com/TM0AfORXQa
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 13, 2018
पहनाते ही उतार दी राहुल ने मुस्लिम टोपी-
पार्टी में एक कार्यकर्ता ने राहुल को मुस्लिम टोपी भी पहनाई, लेकिन राहुल ने 5 सेकेंड में ही वह टोपी उतार दी. टोपी पहनाने वाले कार्यकर्ता का नाम हाजी मोहम्म्द कुरेशी था. हाजी कुरेशी का कहना है कि मैंने इशारे में राहुल से पूछकर टोपी पहनाई थी. राहुल के टोपी उतारने पर उन्होंने कहा, ”राहुल थोड़ी देर और टोपी पहन लेते तो खुशी होती. शायद वोट बैंक के चलते राहुल ने टोपी उतार दी. मोदी राज में मुसलमानों को कोई नहीं पूछ रहा है.”
राहुल गांधी के बगल में बैठे थे प्रणब मुखर्जी-
राहुल गांधी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में राजनीतिक और धार्मिक जमावड़ा लगा. इफ्तार पार्टी में जिस टेबल पर राहुल गांधी बैठे थे, उस पर प्रणब मुखर्जी के अलावा डीएमके नेता कनिमोझी, बीएसपी के सतीश मिश्रा, टीएमसी की तरफ से दिनेश त्रिवेदी और सीपीएम नेता सीताराम येचुरी भी बैठे दिखे. इस पार्टी में झारखंड मुक्ति मोर्चा, एनसीपी, एआईयूडीएफ, जेडीएस और आरजेडी के नेता भी पहुंचे,
विपक्ष का कोई दिग्गज नजर नहीं आया-
राहुल के 18 राजनीतिक दलों को दिए गए बुलावे के बावजूद विपक्ष का कोई दिग्गज नजर नहीं आया. इफ्तार में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस कांग्रेस (टीएमसी) की सुप्रीमो ममता बनर्जी व बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती सरीखे दिग्गज नहीं पहुंचे.