कांग्रेस ने मोदी-मायावती को लिया आड़े हाथ, गठबंधन को लेकर जताई ये इच्छा

कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय से रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने भाजपा पर जमकर हमला बोला, तो साथ ही मायावती को भी करारा जवाब दिया. वहीं उन्होंने पीएम मोदी के उस सवाल का भी जवाब दिया, जिसमें वो पूछते हैं कि 70 साल में कांग्रेस ने क्या किया. वहीं इस बीच इस बात की भी चर्चा तेज हुई कि आखिर सपा-बसपा गठबंधन के 24 घंटे बाद ही कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फेंस क्यों की? वहीं कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी रणनीति भी साफ कर दी.

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कांग्रेस ने नहीं तोड़ा गठबंधन, जिसको साथ आना है वो आए

इधर सपा-बसपा ने लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन का ऐलान किया तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी 24 घंटे बाद ही यूपी में लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी रणनीति साफ कर दी. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि वो चाहते थे की यूपी में गठबंधन हो और कांग्रेस ने ये गठबंधन नहीं तोड़ा है. जो कोई भी बीजेपी को हराना चाहता है वो हमारे साथ आए. अब कोई हमें साथ लेकर नहीं चलना चाहता तो ये उसका फैसला है. ऐसे में गुलाम नबी आजाद ने ये साफ कर दिया कि कांग्रेस चाहती थी कि वो भी यूपी में गठबंधन का हिस्सा बने. वहीं उन्होंने कहा कि बीजेपी को जो हराना चाहता है वो साथ आए यानि इशारों में उन्होंने सपा-बसपा को साथ आने का न्यौता दे दिया. हालांकि, सपा-बसपा पहले ही कांग्रेस को इस गठबंधन से बाहर कर चुके हैं.

मोदी को कांग्रेस का जवाब, 70 साल में कांग्रेस ने क्या किया

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पीएम मोदी पूछते हैं कि कांग्रेस ने 70 साल में क्या किया? इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आप जिस देश के पीएम हैं, जिसे हम भारत कहते हैं, कांग्रेस ने ही उस देश को गुलामी से आजाद कराया. गांधीजी के नेतृत्व में हम अंग्रेजों से लड़े. जब जवाहर लाल नेहरू पीएम हुए तो ये देश आजाद हुआ, लेकिन देश तमाम टुकड़ों में बंटा था इसे एक किया. आगे उन्होंने कहा आप आज पीएम किसी एक टुकड़े के नहीं हैं, तो ये कांग्रेस ने ही किया. हमने एक धर्मनिरपेक्ष देश बनाया. एक ऐसा संविधान दिया, जिसने सबको समानता और स्वतंत्रता दी.

मायावती को कांग्रेस का करारा जवाब

वहीं गुलाम नबी आजाद से जब पूछा गया कि मायावती ने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करना बेकार है, तो इस पर उन्होंने कहा कि हर आदमी का अपना विचार होता है और मैं किसी का विचार नहीं बदल सकता हूं. उन्होंने कहा कि हर आदमी को अपने विचार रखने की छूट है और ये बात हमारे संविधान में भी है. हमारी पार्टी का इतिहास रहा है और अगर किसी की पार्टी का है तो वो भी बताएं, वो बताएं कि साल 85 से उनकी पार्टी कहां थी और उनका क्या योगदान है. वहीं जब गुलाम नबी आजाद से पूछा गया कि अखिलेश यादव और मायावती चुनाव लड़ेंगे तो क्या कांग्रेस उम्मीदवार उतारेगी, जिस पर उन्होंने कहा कि अभी ते ये भी नहीं पता है कि अखिलेश और मायावती लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं.

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पीएम पर फैसला अभी नहीं

वहीं जब गुलाम नबी आजाद से पूछा गया कि आपको तीसरे मोर्चे की संभवाना लगती है और अगर ऐसा हुआ तो पीएम कौन होगा? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि बीजेपी पहले चुनाव हार जाए फिर देखेंगे. अगर कोई चेहरा पीएम के समकक्ष होगा तो फिर देखेंगे. हालांकि, इससे पहले तक कांग्रेस कहते आई है कि कांग्रेस की तरफ से पीएम राहुल गांधी हैं.

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