विवेक डोभाल की याचिका पर कोर्ट ने लिया संज्ञान, 30 जनवरी को होगी सुनवाई

सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बेटे ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश और कारवां पत्रिका पर मानहानि का केस दर्ज कराया था जिस पर पटियाला कोर्ट ने संज्ञान लिया है. मामले में कोर्ट 30 जनवरी को गवाहों के बयान रिकॉर्ड करेगा. उसके बाद ही फैसला होगा कि इस केस में कौन सच्चा है और कौन झूठा?

क्या है पूरा मामला

बता दें कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उनके बेटे विवेक डोभाल पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा कई आरोप लगाए गए हैं. जयराम रमेश ने आशंका जाहिर की थी कि अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल का नोटबंदी और उनकी टेक्स हेवन कंट्री में मौजूद कंपनी का कुछ तो संबंध हैं. जयराम रमेश ने विवेक डोभाल की कंपनी को डी-कंपनी करार दिया था.

जयराम रमेश ने कहा कि 8 नंवबर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की और उसके 13 दिन के बाद विवेक डोभाल ने टैक्स हेवन केमैन आईलैंड में जीएनवाई एशिया फंड नाम की हेज फंड कंपनी का पंजीकरण कराया. बता दें कि टैक्स हेवन केमैन आईलैंड को टैक्स चोरी का अड्डा माना जाता है. अंग्रेजी मैगजीन में खुलासा हुआ कि विवेक डोभाल का कारोबार उनके भाई और अजित डोभाल के बड़े पुत्र शौर्य डोभाल से जुड़ा है. शौर्य डोभाल, मोदी सरकार से नज़दीकियां रखने वाले थिंक टैंक, इंडिया फाउंडेशन के प्रमुख हैं.

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जयराम रमेश ने कहा था कि जब ये कंपनी रजिस्टर हुई उसके बाद केमैन आईलैंड से भारत में रिकॉर्ड तोड़ एफडीआई आई. साल 2000 से 2017 के बीच कैमेन आईलैंड से लगभग 8,300 करोड़ की एफडीआई आई है वहीं, कंपनी रजिस्टर होने के बाद साल 2017-2018 के बीच इतना ही पैसा एक साल के अंदर आया. जयराम रमेश ने सवाल उठाया कि अजित डोभाल और विवेक डोभाल को स्पष्टीकरण देना होगा कि जितना पैसा 17 सालों में आया है वो एक साल में कैसे आ सकता है.

उन्होंने कहा कि विवेक की कंपनी के दो निदेशक हैं, एक तो वो खुद और दूसरे डॉन डब्ल्यू ईबैंक्स. ईबैंक्स का नाम पैराडाइज़ पेपर्स में भी आ चुका है.

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इसके अलावा जयराम रमेश ने ये भी कहा कि रिपोर्ट कहती है कि साल 2011 में एनएसए अजित डोभाल ने एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें उन्होंने टैक्स और विदेशी कंपनियों पर सख्त रोक लगाने की वकालत की थी, लेकिन इन्हीं टैक्स हेवन में उनके पुत्र अब हेज फंड चला रहे हैं. जयराम रमेश ने उन्हीं की इसी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जो मांग वो 8 साल पहले कर रहे थे, अब उसपर कार्रवाई की जाए.

 

 

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