गुजरात, झारखंड और उत्तरप्रदेश के बाद अब बिहार सरकार ने भी मोदी सरकार के 10 फीसदी आरक्षण वाले फैसले पर मुहर लगा दी है. सरकार ने इस फैसले को लागू करने की सारी तैयारी भी कर ली है और अब उम्मीद जताई जा रही है कि फरवरी माह के अंत की बिहार में गरीब सवर्णों को 10 फीसदी का आरक्षण दिया जाएगा.
फरवरी के अंत तक लागू होगा आरक्षण-
सूबे की नीतीश सरकार फरवरी में विधानमंडल सत्र के दौरान गरीब सवर्णों को लिए आरक्षण लागू करने के फैसले पर विधेयक को लेकर आएगी. नीतीश सरकार ने इसके लिए मंगलवार को पटना में उच्चस्तरीय विचार-विमर्श किया और सामान्य़ प्रशासन विभाग को इसके लिए पूरी तैयारियां करने के निर्देश भी जारी किए जिसमें उच्चस्तरीय विमर्श के लिए मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी समेत कई अधिकारी शामिल हुए थे.
बिहार सरकार की नौकरियों या शैक्षणिक संस्थानों में उच्च जाति के गरीब वर्ग को आरक्षण देने के लिए एक अलग से अधिनियम बनाना जरुरी है. इसके बाद मुख्यमंत्री ने अधिनियम बनाने के लिए अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन आमिर सुबहानी को निर्देशित किया ताकि वे फरवरी में विधानमंडल सत्र शुरु होने से पहले इसकी सारी तैयारियां कर ले और सत्र में विधेयक पेश करने की कार्रवाई की जा सके.