राम मंदिर पर सरकार का बड़ा कदम, सुप्रीम कोर्ट में जमीन लौटाने की अर्जी
राम जन्मभूमि विवाद मामले में केंद्र सरकार आज सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. दरअसल सरकार ने अयोध्या विवाद मामले में विवादित जमीन छोड़कर बाकी जमीन को लौटाने और इसपर जारी यथास्थिति हटाने की मांग की है. आपको बता दें कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 67 एकड़ जमीन में से कुछ हिस्सा सौंपने की अर्जी दी है. सरकार के इस कदम का हिंदूवादी संगठनों ने स्वागत किया है.
1993 में सरकार ने अधिकृत की थी जमीन
1993 में केंद्र सरकार ने आयोध्या अधिग्रहण एक्ट के तहत विवादित स्थल और आसपास की जमीन का अधिग्रहण कर लिया था और पहले से जमीन विवाद को लेकर दाखिल तमाम याचिकाओं को खत्म कर दिया था. सरकार के इस एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. तब सुप्रीम कोर्ट ने इस्माइल फारुखी जजमेंट में 1994 में तमाम दावेदारी वाली अर्जी को बहाल कर दिया था और जमीन केंद्र सरकार के पास ही रखने को कहा था. साथ ही ये निर्देश दिया था कि जिसके पक्ष में अदालत का फैसला आता है, जमीन उसे दी जाएगी.
दोबारा कानून नहीं
इस विवाद में मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलानी का कहना था कि जब अयोध्या अधिग्रहण ऐक्ट 1993 में लाया गया तब उस एक्ट को चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने तब यह व्यवस्था दी थी कि एक्ट लाकर सूट को खत्म करना गैर संवैधानिक है. पहले अदालत सूट पर फैसला ले और जमीन को केंद्र तब तक कस्टोडियन की तरह अपने पास रखे. कोर्ट का फैसला जिसके भी पक्ष में आए, सरकार उसे जमीन सुपुर्द करे.