क्या राहुल गांधी ने चुराया है मोदी सरकार के यूनिवर्सल बेसिक इनकम का प्लान?
अब बस 68 दिन और, उसके बाद देश की जनता फैसला करेगी कि देश में प्रधानमंत्री का पद किसे सौंपना है. ऐसे में देश की सबसे बड़ी पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस जनता को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. राहुल गांधी जहां एक तरफ चुनावी रैलियां कर वादों की बौछार करने में लगे हुए हैं. वहीं मोदी सरकार अपने अंतरिम बजट में सुविधाओं का पिटारा खोलकर जनता को लुभाने का हथकंडा अपना सकती है.
लेकिन अंतरिम बजट पेश होने से पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार की योजना को अपना चुनावी वादा बना दिया है.
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को छत्तीसगढ़ में रैली करते हुए बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि अगर आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती है, तो हर गरीब को यूनिवर्सल बेसिक इनकम के तहत न्यूनतम आय की गारंटी मिलेगी. हर गरीब व्यक्ति के बैंक खाते में न्यूनतम आमदनी रहेगी.” राहुल गांधी के इस वादे ने गरीब तबके की दुखती रग पर हाथ रखा है.
क्या राहुल ने चुराई मोदी सरकार की योजना?
यूनिवर्सल बेसिक इनकम को देश में लागू करने की संभावनाएं काफी समय से टटोली जा रही थी. यूपीए सरकार अपने समय में इसे लागू करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई थी लेकिन मोदी सरकार इस योजना को लागू करने के पहले ही संकेत दे चुकी थी. गत वर्ष दिसंबर में इस प्लान को लागू करने के मामले पर प्रधानमंत्री के साथ मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों के बैठक करने की चर्चाएं थी. कहा जा रहा था कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो 2019 बजट में मोदी सरकार इस योजना को लागू कर सकती है.
यूनिवर्सल बेसिक इनकम योजना को 2019 लोकसभा चुनावों के लिए गेमचेंजर के रुप में देखा जा रहा था और कहा जा रहा था कि अगर मोदी सरकार इस योजना का ऐलान करती है तो आसानी से 2019 की जंग फतेह कर पाएगी. लेकिन बजट ऐलान होने से पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस योजना को लागू करने का वादा कर एक बड़ी जमात को साधने की कोशिश की है.
क्या है यूनिवर्सल बेसिक इनकम
यूनिवर्सल बेसिक इनकम देश के सभी नागरिकों को प्रदान की जाने वाली एक इनकम होगी, जो बिना किसी शर्त के दी जाती है. इस सुविधा के बदले में सरकार नागरिकों को दी जाने वाली वित्तीय सहायताओं पर रोक लगा सकती है. बता दें कि हाल ही में इस योजना को सिक्किम सरकार द्वारा लागू किया गया, इसके तहत राज्य अपने लगभग 6.1 लाख नागरिकों को बेसिक इनकम प्रदान कर रहा है.