RSS ने चीनी एप “टिकटॉक” को लिया निशाने पर

पुलवामा अटैक के बाद बने देशभक्ति के माहौल में फेमस चाइनीज़ एप टिक-टॉक भी निशाने पर आ गया है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानि RSS से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बारे में चिट्ठी लिखी है। इसमें टिक टॉक जैसे चीनी सोशल मीडिया ऐप को बैन करने कि मांग की गयी है. इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चिट्ठी में कहा गया है कि ‘हम भारतीयों कि यह ज़िम्मेदारी है कि किसी ऐसे देश या व्यक्ति को होने वाले इकनॉमिक फायदों को रोकें जो डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रूप से आतंकवादियों का समर्थन करता हो.’।

ज़ाहिर है इस विरोध के पीछे पाकिस्तान को मिलने वाला चीन का समर्थन है, जिसकी वजह से जैश ए मोहम्मद का चीफ अज़हर मसूद अभी तक इंटरनेशनल टेरेरिस्ट घोषित नहीं हो पाया है। यूनाइटेड नेशंस में जब भी मसूद को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव आया है चीन ने हमेशा वीटो लगाकर उसे पास नहीं होने दिया। आपको पता ही होगा कि पुलवामा अटैक जैश के इसी कमांडर कि नापाक साज़िश का नतीजा रहा है।

फिलहाल, आपको बता दें कि टिक टॉक को बैन करने कि आवाज़ तमिलनाडु से भी उठी है। तमिलनाडु सरकार का मानना है कि इस एपसे अश्लीलता को बढ़ावा मिल रहा है। वहां के सूचना और प्रसारण मंत्री एम मणिकंदन ने पिछले दिनों कहा था कि तमिलनाडु सरकार टिक टॉक पर बैन के लिए केंद्र सरकार से बात करेगी. क्योंकि ये एप बच्चों और युवाओं को गुमराह कर रहा है.।

सरकार सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स के लिए इस बात पर जोर दे रही है कि उनके पास शिकायत निपटाने वाले अफसर हों. लेकिन लगातार तेजी से बढ़ते यूजर बेस के बावजूद भी टिक टॉक जैसे ऐप के लिए भारत में शिकायत निपटाने वाले अधिकारी नहीं हैं. टिक टॉक ऐप के जरिए 15 सेकेंड्स तक के वीडियो बना कर शेयर किए जा सकते हैं. इस वक़्त एंड्राइड प्ले स्टोर के टॉप चार्ट्स में टिक टॉक ऐप टॉप पर है.

इस ऐप को प्ले स्टोर से 10 करोड़ से भी ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है. भारत में इस ऐप के करीब 20 करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं. टिक टॉक पर बैन को लेकर आपकी क्या राय है, कमेन्ट बॉक्स में ज़रूर लिखें।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles