नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रयागराज कुंभ में स्नान किया. फिर उन्होंने पांच स्वचछाग्रहियों यानी सफाई कर्मचारियों के पैर पखारे. मोदी के इस कदम की हर तरफ तारीफ हो रही है, लेकिन असल तारीफ उस वक्त की जानी चाहिए जब सीवर साफ करने उतरे सफाई कर्मियों की मौतों की घटनाएं वह बंद करा सकेंगे.
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 1993 से लेकर 2018 तक देशभर में कुल 676 सफाईकर्मियों की सीवर में उतरने से मौत हुई है. इसमें सबसे ज्यादा 194 मौतें तमिलनाडु में हुई हैं. गुजरात में 122, दिल्ली में 33, हरियाणा में 56 और उत्तर प्रदेश में 64 मौतें हुई हैं.
यह तो वो आंकड़े हैं जिनमें पुलिस ने रिपोर्ट लिखी. ऐसे तमाम मामले भी होंगे जिनकी जानकारी सरकारी तंत्र को नहीं होगी.
ज्यादातर शहरों का हाल यह है कि नगर निकायों के पास सफाई कर्मियों के लिए मैनहोल में उतरने के लिए जरूरी गैस मास्क नहीं हैं. गटर सफाई के लिए पंप हैं पर खराब हैं. करोड़ों रुपए की कीमत से सामान आते हैं और स्टोर में रखकर खराब कर दिए जाते हैं.
ऐसे में बजबजाते सीवरों में जान हथेली पर लेकर सफाई कर्मियों को उतरना पड़ता है और मीथेन गैस उनकी जान लेने पर आमादा रहती है.
प्रधानमंत्री जी, क्या इस तरफ भी ध्यान देंगे ?