नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना ने PoK में घुसकर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की है. यह कार्रवाई बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के ट्रेनिंग कैंप पर की गई. हमले में आतंकी कैंप ध्वस्त कर दिए गए. इस दौरान सेनाा ने बालाकोट में भी बम गिराए जिसकी पुष्टि खुद पाकिस्तान ने की है. लेकिन सवाल यह उठता है कि हमले के लिए भारतीय वायुसेना ने आखिर बालाकोट को ही क्यों चुना है?
आपको बता दें कि भारत की तरफ से जवाबी हमले के बाद पाक में चर्चाओं का दौरा काफी गर्म है. पाक की मीडिया कह रही है कि भारत ने पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर पर हमला नहीं किया है. भारत ने बालाकोट में हमला किया है.
एक पाकिस्तानी पत्रकार मुशर्रफ जैदी ने ट्वीट कर कहा है, “बालाकोट आजाद कश्मीर में नहीं है. अगर भारतीय वायु सेना ने बालाकोट में बम गिराए हैं तो ये नियंत्रण रेखा और आजाद कश्मीर के भी पार है. बालाकोट खैबर पख्तुनख्वा में है. भारत ने केवल नियंत्रण रेखा ही पार नहीं की है बल्कि यह पाकिस्तान पर हमला है.”
Just to be clear: #Balakot is not in Azad Kashmir.
If Indian Air Force planes dropped payload in Balakot, they crossed across the LOC, and then across the entirety of Azad Kashmir, and then into Khyber Pakhtukhwa.
India didn't "cross the LOC".
It has attacked Pakistan.
— Mosharraf Zaidi (@mosharrafzaidi) February 26, 2019
इतना ही नहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी ट्वीट के जरिए पूछा है कि बालाकोट पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर वाला है या खैबर पख्तुनख्वा वाला है.
जानिए कहां है बालाकोट?
जिस बालाकोट को भारतीय वायुसेना ने निशाना बनाया है, वह पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के मानसेहरा जिले में है. यह पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से करीब 160 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. 2005 में आए भूकंप में यह शहर तबाह हो गया था. बाद में पाकिस्तान सरकार और सऊदी के एक संगठन की मदद से इस शहर को दोबारा खड़ा किया गया. बालाकोट पाकिस्तान में पर्यटन के लिए काफी लोकप्रिय है.
इन आठ जगहों पर किया गया हमला
बालाकोट काफी समय से आतंकी और जिहादी गतिविधियों का केंद्र रहा है. यहां पुलवामा के गुनहगार जैश के ठिकाने और उसके कमांडर सिर छिपाते हैं. खूफिया जानकारी के बाद भारतीय वायुसेना ने इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया है. वायुसेना के मिराज ने जिस लक्ष्य को नष्ट किया उनमें से एक पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा का क्षेत्र भी शामिल है. इसके अलावा लीपा, पछीबन चाम, काहूता, कोतरली, शारदी, केल, दुधनियाल, अठमुका, जूरा, लैंजोट, निकियाल, खुरेटा और मंथौरजो इलाके भी इस हमले की जद में आए हैं.