श्रीनगर: पुलवामा आतंकी हमले के बाद से ही भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त हो गया है. यही वजह है कि अब उसने आतंकी संगठनों पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया है. सरकार ने जम्मू-कश्मीर में कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ सरकार ने बड़ा ऐक्शन लिया है. दरअसल, गुरुवार को केंद्र सरकार ने कश्मीर घाटी के इस संगठन पर बैन लगाया था. जिसके बाद आज यानी शनिवार को जमात के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई चल रही है. कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है. उनके खिलाफ UAPA (अनलॉफुल ऐक्टिविटी प्रिवेन्शन ऐक्ट) के तहत कार्रवाई की जा रही है. खबरों के मुताबिक, अकेले श्रीनगर में संगठन के 70 बैंक अकाउंट्स को सील कर दिया गया है.
बता दें, श्रीनगर के बाद किश्तवाड़ में भी जमात-ए-इस्लामी के बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर गया है. इस छापेमारी में 52 करोड़ रुपए जब्त किए गए है. इससे पहले गुरुवार को गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी करते हुए जमात-ए-इस्लामी पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था. अपनी अधिसूचना में मंत्रालय ने कहा था कि जमात-ए-इस्लामी ऐसी गतिविधियों में शामिल रहा है जो कि आंतरिक सुरक्षा और लोक व्यवस्था के लिए खतरा हैं. ऐसे में केंद्र सरकार इसे एक विधि विरुद्ध संगठन घोषित करती है.
इस कार्रवाई के दौरान अब्दुल हामिद फयाज, जाहिद अली, मुदस्सिर अहमद और गुलाम कादिर जैसे जमात-ए-इस्लामी के बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा दक्षिण कश्मीर के त्राल, बडगाम और अनंतनाग से जमात के कई नेताओं की गिरफ्तारी हुई है.
इससे पहले शुक्रवार को सरकार ने इंस्पेक्टर जनरल और जिला मैजिस्ट्रेटों को जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने की इजाजत दे दी थी जिसमें 350 से ज्यादा सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था. बता दें कि संगठन घाटी में 400 स्कूल, 350 मस्जिदें और 1000 सेमिनरी चलाता है. सरकारी अधिकारियों का कहना है कि संगठन के पास ₹4,500 करोड़ की संपत्ति होने की संभावना है जिसकी जांच के बाद यह पता चलेगा कि यह वैध है या अवैध.
केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में जमात-ए-इस्लामी के अलगाववाद और देश विरोधी गतिविधियों में भी शामिल होने की बात कही गई है. इसके अलावा इसको नफरत फैलाने के इरादे से काम करने वाला एक संगठन भी बताया गया है, जिसके बाद मंत्रालय ने सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिहाज से संगठन को प्रतिबंधित करने के आदेश दिए हैं.