इस्लामाबाद: भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को सही सलामत रिहा करने के बाद से पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग उठ रही है. इसपर खुद इमरान ने पहली बार बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मैं नोबेल शांति पुरस्कार के लिए योग्य नहीं हूं. जो शख्स कश्मीर मसले को हल कर देगा वह इसके लिए योग्य होगा.
बता दें, पाकिस्तान के सूचना प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने 2 मार्च को इमरान खान को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किये जाने की मांग की थी. इस संबंध में उन्होंने संसदीय सचिवालय में एक प्रस्ताव दिया था. फवाद चौधरी ने प्रस्ताव में कहा था कि इमरान खान ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में बड़ी भूमिका निभाई है. इसलिए वह नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं.
फवाद चौधरी के प्रस्ताव पर इमरान खान ने खुद बयान दिया है. उन्होंने लिखा कि नोबेल शांति पुरस्कार उसे मिलना चाहिए जो व्यक्ति कश्मीर की समस्या को कश्मीरी लोगों की इच्छा के अनुसार सुलझाए. इस समस्या के हल से क्षेत्र में शांति और विकास लौटेगा. उन्होंने लिखा कि मैं इस पुरस्कार के योग्य नहीं हूं.
आपको बता दें कि 14 फरवरी के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पहले से अधिक बढ़ गया था. भारत ने पुलवामा का बदला लेने के लिए पाकिस्तान के बालाकोट में बड़ी कार्रवाई की थी. इतना ही नहीं भारतीय वायुसेना ने जैश के ठिकानों को तबाह कर दिया था. जिसके अगले दिन पाकिस्तानी वायुसेना ने भारत में घुसपैठ की कोशिश की थी. पाकिस्तान के मंसूबों को भारतीय वायुसेना ने नाकामयाब कर दिया और उसके लड़ाकू विमान F-16 को मार गिराए.
इस दौरान एक भारतीय पायलट अभिनंदन को पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया. जिसके बाद दोनों देशों में तनातनी और बढ़ गई. हालांकि भारत के दबाव की वजह से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 28 फरवरी को खुद अभिनंदन को छोड़ने की बात कही. जिसके बाद अभिनंदन कल भारत लौटे. इसे तनाव कम करने की तरफ एक बड़ा कदम माना गया.