पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से दुनियाभर में घिरे पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिका एक बड़ा कदम उठाया है. खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान पर भारत के दबाव के बीच अमेरिका ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा की अवधि 5 साल से घटाकर 3 महीने कर दिया है। अमेरिका के इस फैसले का मतलब यह है कि अगर कोई पाकिस्तानी नागरिक अब अमेरिका जाता है तो उसे 3 महीने का वीजा ही मिलेगा। तीन महीने का वीजा खत्म होते ही उसे अपने देश लौटना पड़ेगा। अगर वह 3 महीने से ज्यादा रुकना चाहता है तो उसे 3 महीने के बाद वीजा अवधि बढ़ाने के लिए दोबारा आवेदन देना पड़ेगा। अमेरिका के इस फैसले से पाकिस्तान के नागिरकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
इतना ही नहीं अमेरिका ने वीज़ा की अवधि घटाने के साथ-साथ वीज़ा के लिए दी जाने वाली फीस भी बढ़ा दी है. यानी अगर कोई पाकिस्तानी नागरिक अमेरिका जाना चाहता है तो वह एक बार में 12 महीने से अधिक वहां नहीं रह सकता है, अगर उसे अधिक समय तक वहां रहना हुआ तो उसे वापस पाकिस्तान आना होगा और वीज़ा को रिन्यू करवाना होगा.
नए आदेश के अनुसार, वर्क वीज़ा, जर्नलिस्ट वीज़ा, ट्रांसफर वीज़ा, धार्मिक वीज़ा के लिए फीस में बढ़ोतरी की गई है. इनके लिए जो भी वीज़ा अभी है उसमें 32 से 38 डॉलर तक की बढ़ोतरी की गई है.
यानी, अगर अब कोई पाकिस्तानी पत्रकार अमेरिका जाना चाहता है तो उन्हें वीज़ा अप्लाई करने के लिए 192 डॉलर देने होंगे जबकि कुछ अन्य कैटेगरी में 198 डॉलर की फीस हुई है. अमेरिका के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2018 में करीब 38 हजार पाकिस्तानियों को US का वीज़ा देने से इनकार किया गया था.
गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद से ही पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी झटके लगे हैं. अमेरिका पहले ही पाकिस्तान की दी जाने वाली मदद पर रोक लगा चुका है. इसके अलावा कई बार आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करने के लिए भी लताड़ लग चुकी है.
पुलवामा हमले के बाद भारत लगातार पकिस्तान पर चौतरफा दबाव बना रहा है। खबरों के मुताबिक, भारत दूसरे देशों के संपर्क में भी है, ताकि पाकिस्तान पर अलग-अलग तरीके से दबाव बनाया जा सके। पुलवामा हमले के बाद भारत इस कोशिश में जुटा है कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय पटल पर अलग-थलग किया जाए। भारत लगातार पाकिस्तान से उसकी सरजमीन पर बैठे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है।