लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी की तरफ से चुनाव आयोग को भले ही 40 स्टार प्रचारकों की सूची सौंपी गयी है लेकिन प्रत्याशियों की तरफ से सबसे ज्यादा मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की है। तीसरे नंबर पर अप्रत्याशित तौर पर नितिन गडकरी की मांग हो रही है। प्रधानमंत्री की अब तक करीब 135 सभाएं आयोजित करने का कार्यक्रम है, लेकिन उनकी बढ़ती मांग को देखते हुए उनकी सभाओं की संख्या बढ़कर 155 से अधिक की जा सकती है।
चुनाव प्रचार से पहले सभी राजनीतिक दलों को अपने स्टार प्रचारकों की सूची चुनाव आयोग को सौंपनी पड़ती है। भाजपा ने भी राज्यवार अपनी सूची सौंपी है, जिसमें सभी बड़े नेता, मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री शामिल हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चुनाव को मोदी बनाम अन्य बना दिया है। मोदी हरेक सीट पर अपने लिए वोट मांग रहे हैं, ऐसे में प्रत्याशी की निजी गुण और अवगुणों की र्चचा कम और मोदी की र्चचा ज्यादा हो रही है।
इसीलिए प्रत्याशी अन्य नेताओं को छोड़कर अपने क्षेत्र में प्रधानमंत्री की रैली करने का आग्रह कर अपनी जीत पक्का करना चाह रहे हैं। देशभर से प्रधानमंत्री की सभाएं आयोजित करने की मांग बहुत बढ़ रही है। फिर भी सभी 543 लोकसभा सीटों में हरेक पर प्रधानमंत्री की सभाएं करना संभव नहीं है। इसलिए पार्टी ने तय किया है कि तीन-चार लोकसभा के बीच में एक रैली आयोजित की जाएगी। इसके कारण प्रधानमंत्री की रैलियों की संख्या 155 के पार जाएगी। जिन राज्यों में ज्यादा जरूरत होगी वहां सभाओं की संख्या बढ़ायी जाएगी। दूसरे नंबर पर योगी आदित्यनाथ की मांग हो रही है। फायर ब्रांड योगी की उपस्थिति को भी प्रत्याशी जीत की गारंटी मान रहे हैं।
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की मांग संगठन की तरफ से ज्यादा है। अमित शाह की उपस्थिति से कार्यकर्ताओं में जोश भरता है और जो कार्यकर्ता घरों में दुबके हैं, वे भी बाहर निकल आते हैं। नितिन गडकरी के देशभर में सड़क का जाल फैलाने के कारण उम्मीदवार उन्हें बुलाना पंसद कर रहे हैं। गडकरी से नेताओं की व्यक्तिगत दोस्ती भी है। इसलिए भी उनकी मांग ज्यादा आ रही है लेकिन अपने चुनाव क्षेत्र नागपुर में व्यस्त होने के कारण अभी वह बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।