पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कश्मीर की वर्तमान समस्या पं. जवाहर लाल नेहरू की गंभीर गलतियों का नतीजा है। सुशील मोदी ने रविवार को यहां कहा कि आजादी के तुरंत बाद कबायलियों के वेश में पाकिस्तानी सेना ने कश्मीर रियासत पर हमला बोला। भारतीय सेना कबायलियों को खदेड़ने के बाद पाक के कब्जे वाले कश्मीर को भी मुक्त कराने में सक्षम थी, मगर नेहरू ने अन्तरराष्ट्रीय दबाव में युद्धविराम की घोषणा कर मध्यस्थता के लिए यू एनओ में मामला रेफर कर पाक की नापाक मंशा को सफल कर दिया।
उन्होंने कहा कि पं. नेहरू ने ही भारत को मिलने वाली यू एन सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता ठुकरा कर चीन को यह ताकत दिलाने की गलती की। उसी का इस्तेमाल कर आज चीन बार-बार आतंकी अजहर मसूद को बचाने में कामयाब हो रहा है। नेहरू की विदेश और रक्षा नीति की त्रासदी ही 1962 में चीनी हमला के रूप में भारत को झेलना पड़ा।
उन्होंने कहा कि 1965 में पाक से जीता गया हाजीपीर कांग्रेस ने ताशकंद में वार्ता के टेबुल पर वापस कर पाकिस्तान को बार-बार दुःसाहस करने का मौका दिया। 1971 में बंग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान युद्धबंदी बनाये गए पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों की सशर्त वापसी के जरिए श्रीमती इदिरा गांधी कश्मीर समस्या का स्थायी समाधान कर सकती थीं। सुशील मोदी ने कहा कि कश्मीर पर कांग्रेस की ढुलमूल नीति उसे विरासत में मिली है। पाकिस्तान की हमदर्दी और अब्दुला परिवार की सरपरस्ती कर कांग्रेस ने कश्मीर के घाव को नासूर बना दिया।