अहमदाबाद: अहमदाबाद की एक मेट्रो अदालत ने अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक (एडीसी बैंक) में नोटबंदी के दौरान बड़े पैमाने पर रद्द किये गये नोट जमा किये जाने के बारे दिये गये बयानों को लेकर दायर मानहानि के एक मामले में आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को समन जारी कर 27 मई को इसके समक्ष पेश करने के आदेश दिये।
गत अगस्त माह में एडीसी बैंक के चेयरमैन अजय पटेल ने अदालत में मानहानि का मामला दर्ज कराया था। इस बैंक के निदेशकों में भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल हैं। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एस के गढ़वी की अदालत ने इस मामले को प्रथम दृष्टया मानहानि का मामला मानते हुए गांधी और सुरजेवाला को आज यह समन जारी किया। मामले की अगली सुनवाई 27 मई को होगी। अदालत ने गत 27 अगस्त को इस मामले की जांच के आदेश दिये थे और बाद में साक्ष्याें की जांच की गयी थी।
पिछले साल जून में सुरजेवाला ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि इस बैंक में आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद मात्र पांच दिन में ही 745.58 करोड रूपये के पुराने रद्द किये गये 500 और 1000 रूपये के नोट बदल दिये थे। उस अवधि में देश के कुल 370 जिला सहकारी बैंक में नोटों की ऐसी यह सबसे बड़ी अदलाबदली थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि बैंक के चेयरमैन पटेल स्वयं भाजपा के एक नेता हैं और शाह के करीबी सहयोगी हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि गुजरात में भाजपा नेताओं की अध्यक्षता वाले 11 जिला सहकारी बैंकों ने नोटबंदी के पहले पांच दिन में ही 3,118.51 करोड़ रूपये जमा कराये गये थे।
गांधी ने भी इस मामले में शाह और भाजपा पर निशाना साधते हुए 22 जून को ट्विट किया था- ‘बधाई हो अमित शाह जी, निदेशक, अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक। आपके बैंक ने पुराने नोटों को बदलने में पहला पुरस्कार हासिल किया है। महज पांच दिन में ही 750 करोड़ रूपये। करोड़ो भारतीय जिनकी जिंदगी नोटबंदी ने बर्बाद कर दी थी, आपकी इस उपलब्धि को सलाम करते हैं।’ पटेल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं के झूठे आरोपों ने बैंक की छवि को नुकसान पहुंचाया है और इसके लिए उनके खिलाफ मानहानि का मामला चलाया जाना चाहिए ।