उत्तराखंड में लगभग 828 से ज्यादा मतदाताओं ने मत का बहिष्कार किया. ऐसा करने का कारण जमीनीस्तर पर लोगों तक विकास का न पहुंचाना है. क्षेत्रवासियों का कहना है कि राज्य सरकार ने उनके गांव और जिले को नजरअंदाज किया है.
बता दें कि राज्यसभा सांसद और अलमोड़ा संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा द्वारा बचम गांव को गोद लिया गया था. गुरुवार को मतदाताओं न् राज्य की भाजपा सरकार के प्रति नाराजगी प्रकट करते हुए मतदान का बहिष्कार किया. इस सीट पर आम चुनाव के पहले चरण में गुरुवार को मतदान हुआ है. बागेश्वर जिले के कापकोट विधानसभा क्षेत्र में स्थित गांव ने राज्य सरकार द्वारा विकास योजनाओं में नजरअंदाज करने का हवाला देते हुये चुनाव का बहिष्कार किया.
बचम के ग्राम प्रधान आनंद राम ने बताया, ‘‘हमने बार-बार राज्य सरकार को याद दिलाया, अपने जूनियर उच्च विद्यालय को उच्च विद्यालय में परिवर्तित करने को कहा लेकिन राज्य सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया. ऐसे में हमने चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया.”प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आदर्श ग्राम योजना के तहत गांव को गोद लेने वाले टम्टा के मुताबिक, राज्य सरकार ने इलाके में विकास योजनाओं को पूरा करने में सहयोग नहीं किया.