नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के नाम कानपुर से पार्टी के मौजूदा सांसद मुरली मनोहर जोशी की एक चिट्ठी शनिवार को सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हड़कंप मच गया। क्योंकि इस चिट्ठी में ये आरोप लगाए गए थे कि उन्हें (आडवाणी और जोशी) को घर के लोगों ने अपमानित कर बाहर निकाल दिया। इसमें लोकसभा चुनाव में बीजेपी की संभावनाओं का भी जिक्र था। हालांकि, देर शाम होते-होते जोशी के दफ्तर ने साफ कर दिया कि यह फेक चिट्ठी है। उन्होंने ऐसी कोई चिट्ठी नहीं लिखी।
वायरल हुई चिट्ठी में लिखा गया है कि कैसे पार्टी ने उनके जीवनभर की तपस्या को व्यर्थ कर दिया और पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। चिठ्ठी में लिखा है कि मुझे समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की तरफ से टिकट मिलने का काफी दबाव था, लेकिन जीवनभर भाजपा की सेवा करने के कारण उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया। चिठ्ठी के मुताबिक, मुरली मनोहर जोशी ने सड़क किनारे पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बड़े-बड़े पोस्टरों का जिक्र करते हुए लिखा कि जिन सिद्धातों को लेकर उत्साह के साथ पार्टी बनाई गई थी, आज उसी पत्थर को दरकिनार कर दिया गया है। घर के लोगों ने ही अपमानित करके हमें बाहर कर दिया।
वायरल हुई चिट्ठी में न्यूज एजेंसी का लोगो भी बना हुआ है, जिसके कारण लोगों ने इसकी सत्यता की पुष्टि किए बगैर ही वायरल कर दिया। अब न्यूज एजेंसी ने भी इसे फेक चिठ्ठी करार दी है और इससे किसी भी तरह से संबंध होने की बात कही है। दूसरी तरफ मुरली मनोहर जोशी ने भी ऐसी किसी भी चिठ्ठी की बात से इनकार किया है और इसे झूठ करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह फेक है और ऐसी कोई भी चिठ्ठी उन्होंने नहीं लिखी है।