गुरूवार के दिन कभी न करें ऐसे काम नहीं तो गुरू हो जाएंगे नाराज!

कहते हैं कि अगर गुरू हमारे हमसे खुश हैं तो सभी नक्षत्र अनुकूल बने रहेंगे और जीवन में सब मंगल होगा. लेकिन जब गुरू रुष्ट होते हैं तो आपका भाग्य आपके साथ नहीं रहता है| इसलिए गुरू को खुश रखना बेहद जरूरी है|

यह दिन ब्रह्मा और बृहस्पति का दिन माना गया है। हिन्दू धर्म में गुरुवार को रविवार से भी श्रेष्ठ और पवित्र दिन माना गया है। यह धर्म का दिन होता है। उथली व छिछली मानसिकता वाले व्यक्तियों को बृहस्पतिवार का उपवास अवश्य रखना चाहिए।

ये कार्य करें :

* सफेद चंदन, हल्दी या गोरोचन का तिलक लगाएं।
* हर तरह की बुरी लत को छोड़ने के लिए अति उत्तम दिन, क्योंकि इस दिन संकल्प की अधिकता रहती है।
* गुरुवार को पापों का प्रायश्‍चित करने से पाप नष्ट हो जाते हैं, क्योंकि यह दिन देवी-देवताओं और उनके गुरु बृहस्पति का दिन होता है।
* उत्तर, पूर्व, ईशान दिशा में यात्रा करना शुभ।
* धार्मिक, मांगलिक, प्रशासनिक, शिक्षण और पुत्र के रचनात्मक कार्यों के लिए यह दिन शुभ है।
* सोने और तांबे का क्रय-विक्रय कर सकते हैं।
* गुरुवार के इन उपायों से दिन शांति और सुकून से बीतेगा।

ये कार्य न करें :

* इस दिन शेविंग न बनाएं और शरीर का कोई भी बाल न काटें अन्यथा संतान सुख में बाधा उत्पन्न होगी।
* दक्षिण, पूर्व, नैऋत्य में यात्रा करना वर्जित है।
* गुरुवार को नमक नहीं खाना चाहिए। इससे स्वास्थ्य पर असर पड़ता है और हर कार्य में बाधा आती है।

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