कांग्रेस ने गोरखपुर से वरिष्ठ अधिवक्ता मधुसूदन तिवारी को प्रत्याशी बनाया गया है। मधुसूदन के मैदान में उतरने से गोरखपुर लोकसभा सीट का चुनाव रोचक बन गया है।
मधुसूदन तिवारी की ब्राह्मणों में अच्छी पकड़ है। उनके चुनाव लड़ने से भाजपा प्रत्याशी अभिनेता रवि किशन शुक्ल को परेशानी उठानी पड़ सकती है, क्योंकि भाजपा ने ब्राह्मण मतों को अपने पक्ष में करने के लिए ही रवि किशन शुक्ल को यहां प्रत्याशी बनाया है। हालांकि उपेन्द्र दत्त शुक्ल का टिकट काटकर रवि किशन शुक्ल को प्रत्याशी बनाए जाने से ब्राह्मणों के साथ-साथ भाजपा का समर्थक खुश नहीं है।
मधुसूदन तिवारी सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन गोरखपुर के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं। वह उत्तर प्रदेश बार कौसिंल के सदस्य हैं। तिवारी फौजदारी मामलों के बड़े वकील माने जाते हैं।
गोरखपुर से कांग्रेस के कई दावेदार थे। इनमें राजेश तिवारी, भानु प्रकाश मिश्र, डॉ. चेतना पांडेय, राणा राहुल सिंह, पवन सिंह के नाम प्रमुख थे, लेकिन सफलता श्री मधुसूदन तिवारी के हाथ लगी।
वैसे, कांग्रेस पिछले सात चुनावों से गोरखपुर में बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही है। उसे सबसे अधिक वोट 2014 में 45,693 हजार मिले थे। वर्ष 2018 में हुए लोकसभा चुनाव में डॉ. सुरहिता चटर्जी करीम को 18858 वोट मिले। वर्ष 2009 के चुनाव में लालचंद निषाद को 30262, 2004 में शरदेन्दु पांडेय को 33477, 1999 में डा. सैयद जमाल को 20026, 1998 में हरिकेश बहादुर को 22621 और 1996 में हरिकेश बहादुर को 14549 वोट मिले थे।