कोलकाता: चक्रवाती तूफान फेनी धीरे-धीरे अधिक शक्तिशाली बनता जा रहा है। मौसम विभाग के अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल के आठ जिलों में घरों, सड़कों और फसलों के नष्ट होने की चेतावनी दी है और तटीय इलाकों को खाली करने की सलाह भी दी गई है। स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र ने एक विशेष बुलेटिन में कहा, “घास-फूस की छत वाले मकानों या मिट्टी के घरों को बहुत नुकसान पहुंच सकता है, जबकि पक्के मकानों को भी कुछ हद तक क्षति पहुंचने की आशंका है। उड़ने वाली वस्तुओं से संभावित खतरा है।”
मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि बिजली और संचार के खंभे उखड़ सकते हैं, कच्ची व पक्की सड़कों को हानि पहुंच सकती है, रेलवे बाधित हो सकता है और खड़ी फसलें व पेड़ भी व्यापक स्तर पर क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। पूर्व व पश्चिम मेदिनीपुर, झारग्राम, दक्षिण व उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता के लिए यह चेतावनी जारी की गई है। इस विशेष बुलेटिन में यह भी सुझाव दिया गया है, “पूर्व मेदिनीपुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना के तटीय इलाकों से व्यापक स्तर पर लोगों को खाली कराया जाना चाहिए।”
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बुलेटिन में यह भी कहा गया है कि इस दौरान मछली पकड़ने के कार्यक्रम को पूरी तरह से निलंबित कर दिया जाना चाहिए और मोटर बोट या छोटी नौकाओं की आवाजाही इस दौरान उचित नहीं है। इन स्थानों पर लोगों को घरों के अंदर रहने की सलाह दी गई है। यह चक्रवाती तूफान अभी कोलकाता से 1,040 किलोमीटर दूर है। मौसम विभाग ने इस बात की भी भविष्यवाणी की है, “अगले 12 घंटों में उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर इसके बढ़ने की संभावना है और इसके बाद उत्तर-उत्तर पूर्व की ओर यह मुड़ सकता है और गोपालपुर व चांदबाली के बीच ओडिशा के तटीय क्षेत्र को पार कर तीन मई के दोपहर तक पुरी में 170-180 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।”
पूर्व व पश्चिम मेदिनीपुर, झारग्राम, कोलकाता, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, हावड़ा और हुगली जिले में (7-20 सेमी.) भारी बारिश होने की संभावना है। पूर्व मेदिनीपुर जिला प्रशासन को सभी निवारक कदम उठाने की सलाह दी गई है। दीघा, मंदामणि और अन्य समुद्री तटों पर चौकसी बढ़ाने को कहा गया है, ताकि इस दौरान अशांत समंदर में पर्यटकों को नहाने से रोका जा सकें।