नई दिल्ली: अक्सर लोगों को शिकायत होती है कि बैंक में खाता खुलवाना किसी चैलेंज से कम नहीं है। इसके लिए आपसे इतने डॉक्यूमेंट मांग लिए जाते हैं कि कई बार आप यह झंझट मोल लेने से कतराते हैं। हालांकि सही जानकारी के अभाव में आपको ऐसा लगता है।
बैंक में ज्यादा से ज्यादा बेहतर सुविधा मिले इसके लिए आरबीआई (RBI) की ओर से गठित बैंकिंग कोड्स एंड स्टैन्डर्ड्स बोर्ड ऑफ इंडिया (बीसीएसबीआई) ने ग्राहकों के लिए कुछ अधिकार बनाए हैं। अगर कोई भी बैंक कर्मचारी आपको बेवजह परेशान करे या सर्विस नहीं दे तो आप इन अधिकारों का इस्तेमाल करके उसकी शिकायत तक कर सकते हैं। आइए जानते हैं बैंक में मिलने वाले कुछ ऐसे ही अधिकारों के बारे में…
अकाउंट खोलने का अधिकार
बेसिक या छोटा खाता हर व्यक्ति का अधिकार है। एक फोटो और बैंक के खाता खोलने के फार्म पर हस्ताक्षर करके या अंगूठा लगाकर इसे खोला जा सकता है। इस खाते में लेन-देन की सीमा है। हालांकि कोई भी बैंक केवल परमानेंट पते के सबूत के अभाव में देश के किसी भी इलाके में रहने वाले भारतीय नागरिक का खाता खोलने से इनकार नहीं कर सकता।
विशेष शर्तों की जानकारी पाने का हक
बैंकों के लिए जरूरी है कि वे डिपॉजिट खातों की विशेष शर्तों की जानकारी ग्राहकों को खाता खोलते समय दें। यह किसी भी ग्राहक का हक है। अगर बैंक ऐसा नहीं कर रहे हैं तो आप शिकायत कर सकते हैं।
शून्य राशि पर भी बंद नहीं हो सकता खाता
बीएसबीडी खाते में अगर राशि शून्य हो गई है तो भी बैंक आपका खाता बंद नहीं कर सकते हैं।
मुफ्त में दोबारा खाता चालू करना
बैंक के खाते को दोबारा चालू कराने के लिए बैंक आपसे कोई फीस नहीं ले सकता है। अगर लेता है तो यह गलत है।
फटे-पुराने नोट बदलवाना
अगर आपको कहीं से फटा या पुराना नोट मिल गया है तो आप बैंक की किसी भी शाखा में जाकर अपने फटे/पुराने नोट बदल सकते हैं। बैंक नोट बदले से इनकार नहीं कर सकते हैं।
शिकायत करने का अधिकार
अगर आप बैंक की किसी सेवा से संतुष्ट नहीं है, तो आप बैंक के शाखा अधिकारी या टोल फ्री नम्बर पर इसकी शिकायत कर सकते हैं। हर बैंक ब्रांच में शिकायत सुनने वाले अधिकारी का नाम व पता लिखा होता है। अधिकारी को आपकी शिकायत की रिसीट कॉपी भी देनी होती है।
बुज़ुर्ग/विकलांग की एक ही विंडो पर हर सर्विस
बुज़ुर्ग/विकलांग लोगों को एक ही खिड़की (जगह) पर सारी सुविधाएं देना बैंकों के लिए जरूरी है।
फंड ट्रांसफर का अधिकार
कोई भी व्यक्ति किसी भी बैंक से नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) के जरिए 50,000 रुपए तक रकम किसी अन्य बैंक खाते में जमा करा सकता है। इसके लिए जरूरी नहीं है कि संबंधित बैंक में उस व्यक्ति का खाता हो।
चेक कलेक्शन में देरी पर मुआवजा
चेक कलेक्शन में बैंक की तरफ से निर्धारित समय से ज्यादा वक्त लगने पर ग्राहकों को मुआवजा पाने का अधिकार है। मुआवजे की रकम साधारण ब्याज दर के हिसाब से चुकाई जाएगी।
सिक्योरिटी वापस लेने का हक
यदि किसी ग्राहक ने बैंक से लोन लिया है, जिसके लिए सिक्योरिटी दी है तो इस मामले में पूरी देनदारी चुकाए जाने के 15 दिन के भीतर सिक्योरिटी वापस मिलनी चाहिए।