लखनऊ: बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में डाक्टरों की मौजूदगी में संवेदनहीनता का दृश्य दिखा। बुधवार की दोपहर गंभीर हालत में आये किडनी के मरीज को छटपता देख कर्मचारियों ने उसका हाथ-पैर चादर से स्ट्रेचर में बांध दिया। स्ट्रेचर पर बंधा मरीज दर्द से पड़ा तड़प रहा था। काफी देर तक इलाज नही मिलने पर पत्नी ने हंगामा मचा दिया। इसके साथ ही खुद मरीज को इमरजेंसी से उठाकर नेफ्रोलॉजी विभाग ले जाने लगी, तब मरीज का इलाज शुरू हो पाया।
पत्नी का आरोप है कि एक घंटे तक कोई भी इलाज को नहीं आया। इससे मरीज की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। गोला का रहने वाला मरीज अम्बरीश (34) की किडनी का इलाज बलरामपुर अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग से चल रहा है। बुधवार सुबह अचानक मरीज की पेशाब बंद हो गई। पत्नी उसे लेकर बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में दोपहर दो बजे पहुंची। यहां पर उसे इमरजेंसी ओपीडी से भर्ती करके उसे प्रथम तल पर इमरजेंसी वार्ड में भेज दिया गया। यहां पर बिस्तर खाली नहीं मिला, तो मरीज को स्ट्रेचर पर लिटा दिया गया।
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मरीज दर्द के मारे तड़प रहा था और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। पत्नी के अनुरोध पर नर्स ने आकर ऑक्सीजन मास्क लगाकर छोड़ दिया। फिर भी मरीज पेशाब न होने से दर्द का कारण हाथ पैर पटक रहा था। यह देख संवेदनहीन कर्मचारियों ने हाथ-पैर चादर से स्ट्रेचर में बांध दिया।